नई दिल्ली: किसान संगठनों (Farmer Organizations) द्वारा बुलाई ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में शामिल लोगों ने खूब उपद्रव मचाया। इस दौरान प्रदर्शनकारी लाल किला (Lal kila) पहुंच गए और एक धर्म विशेष का झंडा फहरा दिया। उपद्रवकारियों के इस करतूत के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी(Mamata Banerjee), आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने जहां इसके लिए केंद्र सरकार (Central Government) को जिम्मेदार बताया है। वहीं एनसीपी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने सरकार से समझदारी दिखाने को कहा है।
सरकार परिपक्वता से साथ करे कार्य: शरद पवार
पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा, “आज दिल्ली में जो हुआ कोई भी उसका समर्थन नहीं करता परंतु इसके पीछे के कारण को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछले कई दिनों से किसान धरने पर बैठे थे, भारत सरकार (Indian Government) की ज़िम्मेदारी थी कि सकारात्मक बात कर हल निकालना चाहिए था। वार्ता हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला। सरकार को परिपक्वता से कार्य करना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए।”
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा, “पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अनुशासित तरीके से विरोध किया, लेकिन सरकार ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। संयम समाप्त होते ही, ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। केंद्र की ज़िम्मेदारी कानून और व्यवस्था को नियंत्रण में रखने की थी, लेकिन वे विफल रहे।”
उन्होंने कहा, “आज जिस तरह से आंदोलन संभाला गया वह अफसोसजनक है। विपक्ष में बैठे हम सभी किसानों की मांग का समर्थन करते हैं और मैं अपील करता हूं – अब आप (किसानों) को अपने-अपने गांवों में शांति से वापस जाना चाहिए और सरकार को आपको दोष देने का कोई मौका नहीं देना चाहिए।”
केंद्र सरकार ने स्थिति को बिगड़ने दिया: आप
आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) ने हिंसा को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) को जिम्मेदार बताया है। बयान जारी करते हुए पार्टी ने कहा, “आज के विरोध में देखी गई हिंसा की हम कड़ी निंदा करते हैं। यह खेदजनक है कि केंद्र सरकार ने इस हद तक स्थिति को बिगड़ने दिया। पिछले दो महीनों से आंदोलन शांतिपूर्ण है।”
पार्टी ने आगे कहा, “किसान नेताओं ने कहा है कि जो लोग आज हिंसा में शामिल थे, वे आंदोलन का हिस्सा नहीं थे और बाहरी तत्व थे। वे जो भी थे, हिंसा ने निश्चित रूप से आंदोलन को कमजोर किया है जो इतने शांति से और अनुशासित तरीके से चल रहा था।”
Farmer leaders have said that those who indulged in violence today were not part of the movement and were external elements. Whoever they were, the violence has certainly weakened the movement which was going on so peacefully and in a disciplined manner: AAP
— ANI (@ANI) January 26, 2021
केंद्र सरकार की उदासीनता इसका जिम्मेदार: ममता बैनर्जी
किसान हिंसा पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री और टीएमसी (TMC) प्रमुख ममता बैनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा, “दिल्ली की सड़कों पर होने वाली चिंता और दर्दनाक घटनाओं से बुरी तरह परेशान। केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैये और हमारे किसान भाइयों और बहनों के प्रति उदासीनता को इस स्थिति के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “पहले, इन कानूनों को किसानों को विश्वास में लिए बिना पारित किया गया था। जिसके बाद पूरे भारत में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं पिछले 2 महीनों से दिल्ली के पास डेरा डाले हुए किसानों के विरोध के बावजूद, वे उनसे निपटने में बेहद लापरवाह हैं। केंद्र को किसानों के साथ जुड़ना चाहिए और ड्रोकियन कानूनों को निरस्त करना चाहिए।”
First, these laws were passed without taking farmers in confidence. And then despite protests across India & farmers camping near Delhi for last 2 months, they’ve been extremely casual in dealing with them.
Centre should engage with the farmers & repeal the draconian laws. (2/2)— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 26, 2021
किसका इस्तीफा मांगोगे साहब: शिवसेना
शिवसेना (Shivsena) प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, “अगर सरकार चाहती तो आजकी हिंसा रोक सकती थी. दिल्लीमे जो चल रहा है ऊसका समर्थन कोई नही कर सकता. कोई भी हो लाल किल्ला और तिरंगेका अपमान सहेन नही करेंगे. लेकीन माहोल क्युं बिगड गया? सरकार किसान विरोधी कानून रद्द क्युं नही कर रही? क्या कोई अदृश्य हात राजनीति कर रहा है?”
अगर सरकार चाहती तो आजकी हिंसा रोक सकती थी. दिल्लीमे जो चल रहा है ऊसका समर्थन कोई नही कर सकता. कोई भी हो लाल किल्ला और तिरंगेका अपमान सहेन नही करेंगे. लेकीन माहोल क्युं बिगड गया?सरकार किसान विरोधी कानून रद्द क्युं नही कर रही?क्या कोई अदृश्य हात राजनीति कर रहा है?
जय हिंद— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 26, 2021
उन्होंने कहा, “क्या सरकार इसी दिनका बेसब्री से इंतजार कर रही थी? सरकार ने आखीर तक लाखो किसानों की बात नही सुनी. ये किस टाईप का लोकतंत्र हमारे देशमे पनप रहा है? ये लोकतंत्र नही भाई.. कुछ और ही चल रहा है. जय हिंद”
क्या सरकार इसी दिनका बेसब्रीसे इंतजार कर रही थी?
सरकारने आखीरतक लाखो किसानों की बात नही सुनी.
ये किस टाईप का लोकतंत्र हमारे देशमे पनप रहा है?
ये लोकतंत्र नही भाई..
कुछ और ही चल रहा है.
जय हिंद— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 26, 2021
राउत ने आगे कहा, “दिल्ली में कानून-व्यवस्था बाधित हो गई है। यह सरकार की विफलता है। इस अराजकता के लिए, दिल्ली में कदम उठाए गए। वह किससे इस्तीफा मांगेंगे? सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)। ममता बनर्जी। उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray), शरद पवार या जो बिडेन (Joe Biden)? इस बात पर त्यागपत्र… तो बनता है साहेब..”
दिल्लीत कायदा आणि सुव्यवस्थेचा बोजवारा उडाला आहे. सरकारचे हे अपयश आहे. या अराजकासाठी दिल्लीत ठरवून पायघड्या घातल्या गेल्या.कोणाचा राजीनामा मागणार?सोनीया गांधी. ममता बॅनर्जी. ऊध्दव ठाकरे.शरद पवार की ज्यो बाईडनचा? इस बात पर त्यागपत्र…राजीनामा तो बनता है साहेब..
जय हिंद— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 26, 2021