यवतमाल. जिले में कोरोना महामारी के पैर पसार लेने के बाद प्रशासन प्रतिबंधात्मक उपायों के लिए आम नागरिकों को मास्क इस्तेमाल, सामाजिक अंतर रखने के नियम का पालन करने के निर्देश दे रहा है, तो दूसरी ओर इसके लिए लगे जांच कैम्प में सामाजिक अंतर का पालन सरकारी कार्यालय परिसर में दिखाई नहीं दिया. इसका उदाहरण यवतमाल तहसील में कोविड 19 की जांच के दौरान दिखा.
जिलाधिकारी के निर्देश के बाद सभी की कोविड 19 जांच के निर्देश दिए गए हैं. इसे ध्यान में रखकर आज यवतमाल तहसील कार्यालय परिसर में कोविड 19 की जांच की गई. लेकिन इस दौरान अनुशासनहीता भी दिखी, हर कोई अपनी कोविड जांच जल्द पूरी हो, इस कारण जल्दबाजी करता नजर आया. सुबह से लेकर देर शाम तक तहसील कार्यालय के मुख्य द्वार के पास स्वास्थ्य यंत्रणा के कर्मियों द्वारा कोविड 19 जांच की गई.
आटीपीसीआर के जरिए यहां पर हुई जांच के दौरान सामाजिक दूरी रहे, इसके लिए कोई सतर्कता नहीं बरती गई. एक कुर्सी पर स्वास्थ्य यंत्रणा के डाक्टर और दूसरी कुर्सी पर जांच करवाने वाले को बिठाया गया. इस दौरान यहां पर केवल एप्रोन पहने स्वास्थ्य कर्मी जांच कर रहे थे तो आसपास अन्य लोग भी बेझिझक खड़े रहे. जिससे चर्चा थी कि कोरोना न फैले, इसके लिए प्रशासन कितना सतर्क है. इस दौरान कोविड जांच के लिए यहां पर भीड़ उमड़ने से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं.
बताया जाता है कि इस दौरान तहसीलदार कुणाल झाल्टे भी अपने कार्यालय में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी इस दौरान यहां हो रही भीड़ और अनुशासनहीनता की ओर ध्यान नहीं दिया. जिससे चर्चा थी की आम नागरिकों को मास्क न लगाने पर जुर्माना ठोंकने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले अधिकारी अपने सरकारी कार्यालय परिसर में आयोजित जांच शिविर के दौरान कितने सतर्क होते हैं. इस दौरान यहां पर व्यापारियों और कर्मियों की कोविड की जांच की गई.
उल्लेखनीय है कि तहसीलदार कुणाल झाल्टे द्वारा जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत सभी लोगों को कोविड जांच के लिए कैम्प लगाने और इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सहयोग करने की सूचना दी गई है. अगले चार दिनों में अन्य कुछ स्थानों पर भी जांच शिविर लगेंगे, जिससे इन स्थानों पर सामाजिक अंतर, मास्क का इस्तेमाल, सैनिटायजर और सभी प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करने प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता बरता जाना जरुरी माना जा रहा है.