सीमा कुमारी
नई दिल्ली: इस साल मार्गशीर्ष महीने की ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ 11 दिसंबर अगले शनिवार को है। ये इस साल (2021) की आखिरी ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ है। धार्मिक दृष्टि से ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ का बहुत ही महत्व है। ये पावन तिथि ‘मां दुर्गा’ को समर्पित होती है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना करने का विधान है। मान्यता है कि, इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं। यही ही नहीं, भक्तों की संकटों से रक्षा भी करती हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं। आइए जानें ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि :
शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष मास अष्टमी तिथि आरंभ-
10 दिसंबर 2021, दिन शुक्रवार शाम 07 बजकर 09 मिनट से मार्गशीर्ष मास अष्टमी।
तिथि समाप्त- 11 दिसंबर 2021, दिन शनिवार शाम 07 बजकर 12 मिनट पर।
पूजन-विधि
1. प्रातः जल्दी उठकर घर और पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और स्वयं भी स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. अब पूजा स्थान पर पूजा करनी हो तो वहां पर गंगाजल का छिड़काव करें, या फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल आसन बिछाकर उसपर मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
3. इसके बाद माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
4. अब मां दुर्गा के समक्ष धूप दीप प्रज्वलित करें।
5. कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें।
6. पान के ऊपर सुपारी और इलायची रखकर चौकी पर मां दुर्गा के समक्ष रखें।
7. अब मां दुर्गा को फल व मिष्ठान अर्पित करें।
8. पूजन के दौरान मां दुर्गा का स्मरण करते रहें और ‘दुर्गा चालीसा’ (Durga Chalisa) का पाठ करें।
9. पूजन पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा की आरती करें और पूजन में हुई भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
हिन्दू धर्म में ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ का बड़ा महत्व है। ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, हर महीने दो अष्टमी पड़ती है,लेकिन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के अलावा, मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ भी बहुत खास मानी जाती है।
मान्यता है कि, इस दिन विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन, व्रत और उपासना करने से जीवन की समस्त समस्याएं खुद ही समाप्त हो जाती है। साथ ही, हर बाधा से मुक्ति भी मिलती है और मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा करती है।