Demand to drive Godavari Express and passenger trains

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    नाशिकरोड : हिंगोली (Hingoli) के नागरिकों को मुंबई तक पहुंचाने की सुविधा के लिए मनमाड-मुंबई (Manmad-Mumbai) गोदावरी एक्स्प्रेस (Godavari Express) हिंगोली तक लेकर जाने की मांग हिंगोली के सांसद हेमंत पाटिल (MP Hemant Patil) ने की है। जिन्होंने रेल राज्यमंत्री (Minister of State for Railways) रावसाहब दानवे (Raosaheb Danve) को चिठ्‌ठी लिखी है। सांसद पाटिल की इस मांग का नाशिक निवासियों  ने विरोध किया है।

    वर्तमान में गोदावरी एक्सप्रेस (गाड़ी नं. 12117 और 12118) कोरोना महामारी के कारण दो वर्षो से बंद है, जिसे तत्काल शुरू करने की मांग नाशिकवासी कर रहे है, लेकिन उसे रेल विभाग नजरअंदाज कर रही है। मनमाड से छुटने वाली गोदावरी एक्स्प्रेस मुंबई को जाने के लिए नाशिक जिले के नागरिकों के लिए सुविधाजनक है, जिसका समय कायम रखकर गाड़ी को हिंगोली तक लेकर जाने की मांग वहां के नागरिक कर रहे है। इस गाड़ी की मार्ग में हिंगोली, पूर्णाए परभणी, जालना, मुकुंदवाडी, औरंगाबाद, लासूर, रोटेगाव, मनमाड, लासलगांव, निफाड, नाशिक, देवलीली, इगतपुरी, कल्याण, ठाणे, दादर, मुंबई यह प्रमुख स्थानक शामिल करने की मांग सांसद हेमंत पाटिल ने रेल राज्यमंत्री दानवे के पास एक पत्र के माध्यम से कि है। जबकी यह गाड़ी हिंगोली तक लेकर जाने के लिए नाशिक निवासियों ने जोरदार विरोध किया है।

    नाशिकवासी बिल्कूल नहीं चाहते की, यह गाड़ी जिले से बाहर दौड़े। मासिक पासधारक और प्रवासी वेल्फेअर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश फोकणे, पूर्व विधायक योगेश घोलप, किरण बोरसे, संजय शिंदे, कैलास बर्वे, उज्ज्वला कोल्हे, दत्ताराम गोसावी, नितीन जगताप, रेल परिषद के गुरुमितसिंग रावल, रेल्वे प्रवासी संगठन के बालासाहब केदारे आदि ने सांसद पाटील की मांग का विरोध किया है। नाशिक वासियों  के अनुसार गोदावरी एक्स्प्रेस पंचवटी की तरह मुंबई जाने के लिए अत्यंत सुविधाजनक है, जो सुबह साढ़े नौ बजे नाशिकरोड पर पहुंचती है। वह, हिंगोली तक लेकर जाने पर मराठवाडा के नागरिकों को सुविधा होगी, लेकिन नाशिकवासीयों का इससे नुकसान होगा। हिंगोली से आते समय यात्रीयों से लबालब होकर पहुंचेगी। मनमाड, निफाड, नाशिकरोड, देवलाली, इगतपुरी के यात्रीयों को जगह नहीं मिलेगी। नाशिक-पुणे एक्स्प्रेस नाशिक तक थी, जिसे भुसावल पहुंचने तक नाशिकवासीयों को जगह नहीं मिल रही है, तपोवन एक्स्प्रेस मनमाड तक थी, जिसे नांदेड तक चलाया गया। राज्यरानी एक्स्प्रेस भी मनमाड-मुंबई तक दौडी थी, जिसे जालना तक लेकर गए।