मुंबई : पुलिस (Police) ने शुक्रवार (Friday) को केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के समक्ष दावा किया है की अभिनेता (Actor) दिलीप (Dileep) और अन्य आरोपियों पर लगे आरोपों की गंभीरता और प्रकृति तथा उनका आचरण उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान करने के योग्य नहीं है। आरोपियों पर वर्ष 2017 में एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को हटाने के लिए साजिश का आरोप है। वहीं, अभिनेता ने दावा किया की उसने और अन्य आरोपियों ने तीन दिन के दौरान रोजाना 11 घंटे चली।
लंबी पूछताछ के दौरान पुलिस द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया और केवल स्वीकारोक्ति देने से इंकार कर दिया, जिसे सहयोग नहीं करने के तौर पर लिया जा रहा है। दिलीप और अन्य की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये दलीलें दी गई। इन सभी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में 2017 के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को हटाने की साजिश रचने और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी. ने कहा की वह इस मामले में 7 फरवरी को आदेश पारित करेंगे।
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अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है
हालिया मामले में अभिनेता और अन्य आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए पुलिस ने दलील दी कि इनके असहयोग के कारण मामले की जांच रूक गई है। पुलिस की ओर से पेश अभियोजन महानिदेशक (डीजीपी) टी.ए. शाजी और अतिरिक्त लोक अभियोजक पी. नारायणन ने दलील दी की आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित किए जाने के लिए पर्याप्त सबूत है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि आरोपियों की पुलिस या न्यायिक हिरासत की आवश्यकता है क्योंकि, ताजा मामले में जांच प्रारंभिक चरण में है और आरोपियों द्वारा गवाहों को प्रभावित किए जाने की आशंका है। (एजेंसी)