- 100 फिट का रास्त न बनने पर जनआंदोलन- फिरोज दोसानी
माहुर: माहूर-धनोडा – माहूर – किनवट 161 ए इस राज्य महामार्ग के राष्ट्रीय महामार्ग में तब्दील होने के बाद रास्ता चौडा होंगा, एैसी अपेक्षा सभी को थी, लेकिन इस रास्ते को चौडा करने की बजाय इसे संकरा कर दिया है, जिसे लेकर सभी स्तरों पर आश्चर्य जताया जा रहा है. इसी बीच इस रास्ते की चौडाई न बढाने पर यह जनसमस्या होने से इसे लेकर जनआंदोलन किया जाएंगा, एैसी चेतावणी माहुर के नगराध्यक्ष फिरोज दोसानी ने दी है, इस मामलें में उन्होने नांदेड के जिलाधिकारी से मुलाकात कर समस्या से अवगत करवाया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, माहूर शहर में पहले से ही अस्तित्व में मौजुद सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग का 100 फिटा रस्ता महामार्ग विभाग ने अपने अकल के तार तोडकर 70 फिट पर ला दिया है, जिससे इस तीर्थक्षेत्र माहूर को भविष्य में यातायात संकट का सामना करना पड सकता है, साथ ही यह रास्ता शहर को विद्रुप किए जैसा होंगा, एैसी शिकायतें नागरीक कर रहे है.
नागरिकों को होनेवाली असुविधा और महामार्ग विभाग के मनमानी कामकाज के संदर्भ में 21 फरवरी को माहूर के नगराध्यक्ष फिरोज दोसानी ने जिलाधिकारी डा.विपीन इटनकर की मुलाकात कर उन्हे शिकायत का ज्ञापन सौंपकर चर्चा की, इस समय जिलाधिकारी ने जल्द ही इस महामार्ग के संबंध में अधिकारीयों के साथ बैठक लेने का आश्वासन दिया.
माहूर शहर में राज्यमार्ग का राष्ट्रीय महामार्ग में वर्गीकरण कर चौडाईकरण काम शुरु है,लेकिन इन कामों में काफी अनियमितता होने से पुर्व विधायक प्रदीप नाईक ने बिते महिने ही आवाज उठाथी थी.तब कहीं जाकर सहायक जिलाधिकारी ने अधिकारीयों की बैठक ली, लेकिन इसका असर नही दिखा.महामार्ग विभाग का वरदहस्त होने से इसके ठेकेदार ने सहायक जिलाधिकारी किर्तिकिरन पुजार और पुर्व विधायक प्रदीप नाईक तथा अन्य नेताओं की मौजुदगी में हुई बैठक में तय बातों पर काम न करते हुए मनमाने तौर पर 5 मिटर का रास्ता और उसके बाजु से साढे 5 मिटर का सर्वीस रोड इस तरह 35 फिट का रास्ता बनाने का प्लान बनाया, इस दिशो में उसने काम भी शुरु कर दिया है, वास्वतिक तौर पर राज्य महामार्ग रहते समय माहूर शहर में 100 फिट का रास्ता, बीच में डिवायडर और उससे सटकर नाली अस्तित्व में थी.
इसक बाद महामार्ग बनने से यह रास्ता अधिक चौडा होना जरुरी था, लेकिन एैसा न होकर इस राष्ट्रीय महामार्ग का कम चौडाईवाला और संकरा रास्ता बनाया जा रहा है.तो दुसरी ओर रास्ते के डिवायडर को बजट से दूर कर दिया गया है, एैसे में माहर शहर के वैभव को बढाने की बजाय शहर को विद्रुप करने का खेल महामार्ग विभाग कर रहा है, इस मुददे पर माहूर के नगराध्यक्ष फिरोज दोसानी ने गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ. इटणकर से मुलाकात कर उनके सामने वास्वतिक स्थिती रखी, और महामार्ग विभाग के कार्यकारी अभियंता सावत्रे को प्राप्त निवेदन पर तात्काल कारवाई की मांग की.
तब वहां पर मौजुद कार्यकारी अभियंता सावत्रे ने अपनी जिम्मेदारी से हाथ उपकर कर उपविभागीय अभियंता हटकर पर इसकी जिम्मेदारी डालकर नगराध्यक्ष की समस्या पर फर्मान छोड दिया.जब उपविभागीय अभियंता हटकर ने रास्ते का बजट नगराध्यक्ष को बताया तब वें भी अचंभीत रह गए, क्योंकी तय एस्टीमेट और बजट के मुताबिक 100 फिट का रास्ता 70 फिट पर लाने की बात उनके ध्यान में आयी, साथ ही फुटपाथ और नाली को मनमाने तौर पर दर्ज किया गया, लेकिन इस बडी समस्या पर तहसील के जनप्रतिनिधीयों को ध्यान देने का समय न होन तहसील का दुर्भाग्य माना जा रहा है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक महामार्ग विभाग के कार्यकारी अभियंता सावत्रे यह कभी भी किसी जनप्रतिनिधी का माध्यम प्रतिनिधीयों का कॉल नही उठाते है, साथ ही काम के ठिकाने पर भेँट नही देते है, जिससे उनके ठेकेदार के साथ आर्थिक हितसंबंध तो नही है, एैसा संदेह जताया जा रहा है.इस मामलें में अब सांसद हेमंत पाटील से माहुर शहरवासीयों की अपेक्षा है,वें संसद में यह मुद्दा उठाएं, एैसी मांग नागरिक कर रहे है.
जल्द ही जनआंदोलन होंगा
माहुर शहर का चेहरामोहरा बदलने के लिए और इस तीर्थक्षेत्र को आकर्षक रुप देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार,वित्तमंत्री जयंत पाटील,नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे,सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे के जरीए इससे पुर्व करोडों का निधी माहुर शहर के विकास के लिए मिला है.
अब भी कुछ प्रस्ताव सरकारी दरबार में है, लेकिन शहर का यह मुख्य रास्ता ईतना संकरा हम बनने नही देंगे, 100 फिट का रास्ता कब्जे में होने से ईतने ही आकार का रास्ता और उससे सटकर नाली बनें एैसी हमारी मांग है, इस पर कारवाई न होने पर माहुर शहर बंद रखते हुए व्यापक तौर पर जनआंदोलन किया जाएंगा.
फिरोज दोसानी
नगराध्यक्ष माहूर