छत्रपति संभाजीनगर: पहले बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना (Shiv Sena)में सेंध लगाने के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra )के कद्दावर नेता शरद पवार (Sharad Pawar)की एनसीपी (NCP)पार्टी में सेंध लगाकर बीजेपी ने महाराष्ट्र में गंदी राजनीति का खेल खेला है। इससे यह साफ है कि बीजेपी को अपनी ताकत पर भरोसा कम है। जिससे अन्य दलों में फूट डालने का काम बीजेपी (BJP)द्वारा खेला जा रहा है। यह आरोप राज्य विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे (Ambadas Danve)ने यहां लगाया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए अंबादास दानवे ने बीजेपी द्वारा एनसीपी में फूट डालकर उनके विधायकों को सरकार में शामिल करने के खेल को गंदी राजनीति करार देत हुए कहा कि बीजेपी को अपनी ताकत पर भरोसा नहीं है। इसलिए वे अन्य दलों में फूट डालकर अपने कार्यकर्ताओं को घर बिठा रहे हैं। महाराष्ट्र की पहचान शाहू, फूले आंबेडकर, यशवंतराव चव्हाण जैसे महान नामों से है, परंतु उस महाराष्ट्र में बीजेपी जिस तरह से राजनीति कर रही हैं, उससे महाराष्ट्र की प्रतिमा खराब हो रही है।
घरेलू कामगार की तरह काम कर रही सरकारी एजेंसियां
दानवे ने केन्द्रीय सरकारी एजेंसियां ईडी, सीबीआई पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि बीते कुछ सालों से सरकारी एजेंसियां घरेलू कामगार की तरह केन्द्र सरकार के अंडर में काम कर रही है। जब चाहे उनका इस्तेमाल मोदी सरकार कनार्टक,बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र के अलावा तामिलनाडु में कर अन्य दलों के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। एजेंसियों का इस्तेमाल पर भी कुछ न होने पर नेताओं को जेल में डाला जा रहा हैं। जेल में न डाले तो बीजेपी में शामिल करों। केन्द्र की सत्तासीन बीजेपी सरकार को भ्रष्टाचार से कोई लेना-देना नहीं है, सिर्फ उन्हें सत्ता चाहिए।
बैलगाड़ी भरकर जमा किए हुए सबूत कहां गए
गत वर्ष बीजेपी ने एनसीपी नेताओं द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के सबूत बैलगाड़ी भरकर जमा करने का डंका पिटा था, बल्कि यह सबूत बीजेपी ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को सौंपने का फैसला भी बीजेपी द्वारा किया गया था। जिनके खिलाफ सबूत जमा किए गए थे, वह लोग तो सत्ता में शामिल हुए है। अब वह सबूत कहां रखे जाएंगे? यह सवाल दानवे ने उपस्थित कर बीजेपी की राजनीति महाराष्ट्र के लिए घातक होने का आरोप लगाया। जब उनसे तीन टायर की सरकार कितने टिकेंगी यह सवाल पूछने पर दानवे ने तपाक से जवाब देते हुए कहा कि तीन दल एक दूसरे को खिचेंगे, जिससे जल्द ही सरकार का पतन तय है।
सिर्फ नाम के सीएम हैं शिंदे
एनसीपी के विधायक सरकार में शामिल होकर मंत्री बने है। आज एकनाथ शिंदे सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री हैं, क्योंकि उनके हाथ में आज कोई विभाग नहीं है। जल्द ही खुद सीएम शिंदे ही नाराज रहनेवाले हैं। दानवे ने कहा कि शिंदे दिल्ली के नेताओं के खिलौने बन चुके है।महाराष्ट्र की जनता ने कई मुख्यमंत्री देखे, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री दिल्ली के परमिशन बिना पानी भी नहीं पी सकते। जब उनसे उद्धव ठाकरे की शिवसेना और मनसे के बीच समझौता होने को लेकर आ रही खबरों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें अभी कोई तथ्य नहीं है। कुछ नेता अगर बातचीत कर रहे है तो भविष्य में देखते क्या होता हैं।