इंफाल. मणिपुर (Manipur) के कांगपोकपी जिले (Kangpokpi District) में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले में पुलिस ने शनिवार एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जो नाबालिग है। पुलिस ने पहले पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था और कहा था कि वे कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर बाकी दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
मणिपुर पुलिस ने शनिवार को ट्वीट किया, “4 मई 2023 को 2 महिलाओं के वायरल वीडियो के संबंध में आज एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। मामले में अब तक पांच मुख्य आरोपी और एक किशोर सहित कुल मिलाकर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य पुलिस कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।”
01 (one) juvenile have been arrested/apprehended in the case so far. The State Police is making all-out effort to arrest the remaining culprits by conducting raids at many suspected hideouts.
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— Manipur Police (@manipur_police) July 22, 2023
कार्रवाई में देरी
गौरतलब है कि मणिपुर की इस भयावह घटना का 26 सेकेंड का वीडियो बुधवार को सामने आया। कार्रवाई में देरी को लेकर सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश के बाद मणिपुर पुलिस ने अगले दिन (गुरुवार) इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी। इसके बाद उसी दिन तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन चारों लोगों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पांचवें आरोपी 19 वर्षीय युवक को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी
उल्लेखनीय है कि जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक मौतें
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई और अभी तक इसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि तमाम लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।