Case registered against 25 people who caused loss of Rs 62 crore to APMC in Navi Mumbai
(फाइल फोटो)

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ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2012 में एक कॉलेज में डकैती के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोपी बनाए गए चार लोगों को बरी कर दिया है। मकोका अदालत के विशेष न्यायाधीश अमित एम शेटे ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है, ऐसे में उन्हें संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए और बरी किया जाना चाहिए। 
 
कथित आरोपियों की उम्र 33 से 50 वर्ष है और वे ठाणे के उल्हासनगर क्षेत्र एवं पड़ोसी पालघर जिले के नाला सोपारा के निवासी हैं। सुनवाई की अवधि के दौरान एक अन्य आरोपी की मौत हो चुकी थी, ऐसे में उसके खिलाफ मुकदमा निरस्त कर दिया गया। विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने अदालत को बताया कि 18 जुलाई 2012 को आरोपियों ने भिवंडी इलाके में एक कॉलेज के कार्यालय में घुसकर चौकीदारों पर हमला करके उन्हें बांध दिया और फिर डकैती की घटना को अंजाम दिया। 
 
 
अभियुक्तों की ओर से पेश वकील पुनित महिमकर और पंकज कावले ने जिरह की और पुलिस की जांच पर सवाल उठाये। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि पेश किये गये सबूत पर्याप्त नहीं हैं। अदालत ने कहा, ‘‘सबूत के अभाव में, कथित अपराध में आरोपियों की संलिप्तता के बारे में संदेह पैदा होता है। इस प्रकार, संदेह का लाभ आरोपी को देने की जरूरत है।”