– कोरोना से गई 4 की जान
साक्री. शहर के एक अधेड़ (उम्र 55) व्यक्ति ने नाशिक शहर में उपचार के दरम्यान दम तोड़ दिया. तहसील में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 4 हो गई है. गौरतलब है कि इन्हीं की वजह से 3 परिजन संक्रमित हुए थे, जिसमें सवा साल के जुड़वा बालक भी थे, ये सभी संक्रमण से मुक्त हो गए हैं.
वहीं तालुका क्षेत्र में मालमाथा परिसर के निजामपुर शहर से एक और पश्चिमी पट्टा परिसर के ग्राम सामोड़े से एक ऐसे 2 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं.
सब कुछ नहीं चल रहा ठीक
इसलिए तहसील क्षेत्र में सब कुछ ठीक नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं. शहर के पोला चौक इलाके का ही ये वयस्क है, जिसने नाशिक के निजी अस्पताल में दो दिन पहले दम तोड़ दिया. कोरोना से हुई मौत का पोला चौक से ये तीसरा मामला है. पहले दो उम्रदराज व्यक्ति रहे, जिन्हें गंभीर स्वास्थ्य शिकायतें थीं. इस तीसरे की तुलना में मध्यम उम्र के व्यक्ति को भी स्वास्थ्य शिकायतों के चलते नाशिक को अपने पुत्र के यहां उपचार के लिए ले जाया गया था. वहीं कोरोना जांच में संक्रमण पाया गया था.विगत 3 हफ्ते से उपचार लेने के बावजूद कोरोना से अपनी जंग अंततः वे हार गए. अब तक कोरोना मुक्त रहे मालमाथा परिसर भी अब कोरोना का पहला मरीज निजामपुर शहर में मिलने से, कोरोना की चपेट में आ गया है. वहीं पश्चिमी पट्टे में संक्रमण की सबसे ज्यादा मार झेल रहे पिंपलनेर शहर के नजदीकी ग्राम सामोड़े में भी एक संक्रमित रोगी पाया गया है.
कुछ दिन शांति के बाद बढ़ी हलचल
कुछ दिन शांति से गुजरने के बाद कोरोना का प्रकोप बार-बार लौट रहा है. आश्चर्य है कि अभी तक कोई सुराग कोरोना संक्रमण के स्त्रोत में ना प्रशासन ढूंढ पाया है, ना ही स्वास्थ्य विभाग, जिसके चलते लोगों में असमंजस की स्थिति बन गई है. कहीं तो लोग संक्रमण से ही बेखौफ हो गए हैं. लगभग हर संक्रमण का बाहरी संपर्क होने के प्रमाण पाए गए हैं, लेकिन इस दिशा में कार्य नहीं हो रहा है. तहसील क्षेत्र में शहरों , महानगरों और जहां संक्रमण का प्रकोप अधिक है.
घर-घर जाकर जानकारी ली जा रही
ऐसे इलाकों से आनेवाले लोगों की आवाजाही की निगरानी भी अगर की जाए तो संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में रहेगा. शहर और तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्वे निरंतर चल रहा है, घर-घर जाकर जानकारी ली जा रही है. लेकिन अब तक हुए मामलों में सर्वे का योगदान नहीं हो सका है.कोरोना नियंत्रण पर अपनी ओर से प्रशासन कोई सुझाव या पहल नहीं कर पाया है. जिलाधिकारी कार्यालय से आए निर्देशों के अलावा स्थानीय जरूरत के हिसाब से प्रशासन कुछ नहीं कर पाया है. सूचना और निर्देशों में सुस्पष्टता का भी अभाव है. जिसे लेकर व्यवसायी से आम आदमी भी असमंजस रहता है.