Quarantine closed in Bihar, other states should also decide in the interest of migrants

इस समय सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यदि कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में जाए तो उसे तुरंत क्वारंटाइन में डाल दिया जाता है। इसी भय से अच्छे-भले स्वस्थ व्यक्ति आवश्यक होने पर भी अन्य राज्य की यात्रा नहीं करते।

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इस समय सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यदि कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में जाए तो उसे तुरंत क्वारंटाइन में डाल दिया जाता है। इसी भय से अच्छे-भले स्वस्थ व्यक्ति आवश्यक होने पर भी अन्य राज्य की यात्रा नहीं करते। यदि कोई अपने शहर में चेकअप कराके निकला है और स्वस्थ है तो उसे दूसरे राज्य में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन क्यों किया जाए? प्रवासी इसीलिए कहीं जाने में हिचक महसूस करते हैं। लोग अपने परिजनों या रिश्तेदारों के पास भी नहीं जा पा रहे हैं। इसे समझते हुए बिहार की नीतीशकुमार सरकार ने फैसला लिया है कि 15 जून से राज्य के सभी ब्लॉक स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर बंद कर दिए जाएंगे तथा बिहार वापस लौटने वाले प्रवासी मजदूरों, छात्रों व अन्य लोगों को क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि हम 30,00,000 से अधिक प्रवासियों को वापस ला चुके हैं और रजिस्ट्रेशन बंद कर रहे हैं, फिर भी डोर-टु-डोर स्वास्थ्य निगरानी जारी रहेगी। बिहार सरकार ने जैसा दोटूक फैसला लिया है वैसा ही निर्णय अन्य राज्य भी लें ताकि आवाजाही को लेकर प्रवासी निश्चिंत रहें। इससे विश्वास उत्पन्न होगा तथा स्थिति सामान्य होने में मदद मिलेगी।