नेता भड़काऊ बयानबाजी से बाज आएं बंगाल चुनाव में हिंसा निंदनीय

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    बंगाल के चुनाव में टीएमसी और बीजेपी (TMC and BJP) के बीच ‘करो या मरो’ की लड़ाई है जब अस्तित्व दांव पर लग जाए तो हिंसा होगी. वैसे भी इस राज्य के चुनाव खून-खराबे के बगैर नहीं होते. हर कोई हिंसा के लिए दूसरे पक्ष को जिम्मेदार ठहरा रहा है. दोनों ही प्रमुख पार्टियां संसाधनों में कम नहीं हैं और बराबरी से टक्कर ले रही है. अर्धसैनिक बल अपने तरीके से शांति स्थापना का प्रयास कर रहे हैं लेकिन चुनाव के हर चरण में हिंसा बढ़ती ही जा रही है. उत्तरी दीनानपुर में चुनाव ड्यूटी में लगे बिहार के किशनगंज के थानेदार अश्विनीकुमार की भीड़ ने पीट पीट कर हत्या कर दी.

    जब भीड़ ने अश्विनीकुमार (Ashwini Kumar) को घेरा तो उनके साथी बाकी पुलिसकर्मी उन्हें बचाने की बजाय भाग निकले. इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सर्कल इंस्पेक्टर मनीषकुमार सहित 7 पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया. अश्विनीकुमार की मां ने भी बेटे का शव देखते ही प्राण त्याग दिए. चौथे चरण के मतदान के दौरान पीआईएसएफ ने कूचबिहार जिले के सीतलकुची से फायरिंग की जिसमें 4 लोग मारे गए. इनमें से 3 प्रवासी मजदूर थे जो अपने गांव वोट डालने लौटे थे तथा एक साइबर कैफे में काम करने वाला युवक था. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की तैयारी की है जिसे लेकर टीएमसी नाराज है.

    ममता बनर्जी का आरोप

    ममता बनर्जी ने केंद्रीय बलों पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बंगाल में अत्याचार कर रहे हैं. ममता ने कहा कि यदि लोग कुछ गलत होते देखें तो केंद्रीय बलों का घेराव करें. बंगाल (West Bengal Elections) के मंत्री रबींद्रनाथ घोष ने भी मतदाताओं को उकसाया कि वे लाठी लेकर केंद्रीय बलों को गड़बड़ी करने से रोकें. चुनाव की तारीखें घोषित होने के पहले ही बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि बंगाल के चुनाव दीदी की पुलिस के नहीं बल्कि दादा (अमित शाह) की पुलिस अर्थात केंद्रीय बलों के तहत होंगे.

    कूचबिहार हिंसा को लेकर सीआईएसएफ ने दावा किया कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाईथी ममता बनर्जी चाहती तो इस गोलीबारी की निष्पक्ष जांच की मांग कर सकती थीं लेकिन उन्होंने आरोप लगा दिया कि अमित शाह इस नरसंहार के साजिशकर्ता हैं. उन्हें इस नृशंस, घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए. मैं केंद्रीय बलों को दोष नहीं देती क्योंकि वे तो गृहमंत्री के आदेश के तहत काम करते हैं. बंगाल की जनता बुलेट का जवाब बैलट से देगी. बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष  दिलीप घोष ने कहा कि सीआईएसएफ की फायरिंग में जो लोग मारे गए वे दुष्ट थे. यदि ऐसे लोग रास्ते पर नहीं आए तो फिर ऐसी ही घटनाएं होंगी.

    गरीब ही मारा जाता है

    बंगाल के चुनाव के अभी  और 4 चरण बाकी हैं. टीएमसी और बीजेपी दोनों के नेताओं को भड़काने वाले प्रचार व बयानों से बाज आना चाहिए. चुनावी हिंसा में गरीब व श्रमजीवी वर्ग के ही लोग मारे जाते हैं. ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) लगातार संवैधानिक संस्थाओं पर गुस्सा जता रही हैं. उनका चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि आयोग को अपने मॉडेल कोड आफ कंडक्ट (एमसीसी) का नाम बदलकर मोदी कोड आफ कंडक्टरस लेना चाहिए. चुनाव आयोग ने कूच बिहार में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व अन्य नेताओं को जाने से रोक दिया. इस पर टीएमसी नेता व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी विफलता छिपाने के लिए ममता बनर्जी को जाने नहीं दे रहा है.