अहमदनगर. आमतौर पर एक परिवार को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों की आवश्यकता होती है. मौजूदा स्थिति में बाजार में मिलनेवाली सब्जियों पर अलग अलग कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया गया होता है, जिसके कारण कैन्सर, दिल की बीमारी जैसी बीमारियों का शिकार लोगों को होना पड़ता है. इन बातों के मद्देनदर किसान परिवार की महिलाओं को अपने घर के परसबाग में उचित नियोजन कर सब्जिया और विविध वन औषधि पौधों की बुआई करने पर परिवार की सब्जी की आवश्यकता पूरी होने के साथ ही औषधि वनस्पतियों के माध्यम से किसानों के परिवार को बड़ी आर्थिक सहायता उपलब्ध होना सहज संभव है. ऐसा प्रतिपादन महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ के संशोधन संचा लक डॉ.शरद गडाख ने किया.
100 से अधिक किसान और महिलाओं ने हिस्सा लिया
महात्मा फुले कृषि विवि के शेतकरी प्रथम प्रकल्प के तहत परसबाग में सब्जियां और औषधि वनस्पति उत्पादन तंत्रज्ञान विषयपर आयोजित आनलाईन प्रशिक्षण के दौरान डॉ. गडाख बोल रहे थे.अटारी पुणे के संचालक डॉ. लखन सिंह, प्रकल्प समन्वयक डॉ. पंडित खर्डे, डॉ. मुरलीधरन महाजन, डॉ.सचिन सदाफल, डॉ. भगवान देशमुख, रायभान गायकवाड, वैज्ञानिक डॉ. अनिल दुरगुडे, डॉ. किरण जाधव, प्रा. धनश्री पाटिल, डॉ. विक्रम जांभले आदि ने भी इस प्रसिक्षण के दौरान मार्गदर्शन किया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिंचविहिरे और कणगर परिसर के 100 से अधिक किसान और महिलाओं ने भाग लिया. डॉ. खर्डे ने प्रस्तावना करते स्वागत किया. प्रकल्प के वरिष्ठ सह योगी विजय शेडगे ने सूत्रसंचालन किया. डॉ.सचिन सदाफल ने आभार व्यक्त किए.