- लोगों को भी होने लगी है तकलीफ
अकोला. अकोला में काफी लंबे समय से लाकडाउन शुरू है. इस लाकडाउन के कारण जीवनावश्यक वस्तुएं छोड़कर बाकी सभी प्रतिष्ठान बंद हैं. इस कारण इन व्यवसायियों के साथ साथ आम लोगों को भी अब तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है.
दुपहिया वाहनों की रिपेरिंग की दुकानें बंद
वर्तमान समय में लाकडाउन के अंतर्गत दुपहिया वाहनों की दुरूस्ती की सभी दुकानें बंद हैं. यदि किसी की स्कूटर या मोटरसाइकिल खराब हो जाती है और वह घर में दुरूस्त नहीं हो पाती है तो उसकी हालत खराब हो जाती है. क्योंकि स्कूटर, मोटरसाइकिल पार्ट्स की दुकानें भी पूरी तरह बंद हैं. लोगों को अपनी स्कूटर या मोटरसाइकिल ठीक करवाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है. इन लोगों के व्यवसाय की हालत भी खराब होती जा रही है.
मोबाइल दुरूस्ती की दुकानें बंद
इसी लाकडाउन के अंतर्गत मोबाइल दुरूस्ती की भी सभी दुकानें बंद हैं. इस कारण लोगों के मोबाइल की दुरूस्ती नहीं हो पा रही है. इन्हीं लोगों के पास लोग मोबाइल का रिचार्ज भी करवाते हैं. इस कारण लोगों के मोबाइल रिचार्ज करने में भी काफी तकलीफ हो रही है. कुछ दुकानदारों ने दुकानों के सामने अपने संपर्क नंबर लिखकर रखे हैं. लेकिन इसके लिए भी ग्राहकों को फोन से संपर्क करना पड़ता है. इस कारण भी लोगों को तकलीफ होती है. वर्तमान समय में मोबाइल रिचार्ज करना बहुत जरूरी रहता है.
इलेक्ट्रिक की दुकानें बंद
शहर में सभी इलेक्ट्रिक वस्तुओं तथा दुरूस्ती की दुकानें बंद हैं. इलेक्ट्रिक की कोई भी वस्तु बल्ब आदि किसी को लेना हो, बिजली का वायर लेना हो तो उसे इधर उधर भटकना पड़ता है. बिजली के छोटे छोटे कामों के लिए लोगों को तकलीफ हो रही है. उधर व्यवसाय बंद होने से इन व्यवसायियों का भी काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. दुकानदारों का कहना है कि क्या बिजली की वस्तुओं की दुकानें अत्यावश्यक सेवा में नहीं आती क्या? इस तरह यह व्यापारी भी बहुत परेशान हैं.
पुस्तकों की दुकानें भी बंद
शालेय तथा महाविद्यालयों की पढ़ाई ऑनलाइन शुरू है. विद्यार्थियों का कहना है कि पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है. लेकिन क्या पुस्तकों की जरूरत नहीं पड़ती है. विविध शालाओं के बच्चों को भी शालेय पुस्तकें आवश्यक रहती हैं. लेकिन फिलहाल पुस्तकों की दुकानें भी बंद हैं. इस कारण भी व्यवसायियों के साथ साथ लोगों को भी तकलीफ हो रही हैं.