अकोट. तुषार पुंडकर हत्या प्रकरण में देशी कट्टे की बिक्री करनेवाले आरोपी शहाबाज खान की जमानत अर्जी स्थानीय अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश मनीष गणोरकर ने खारिज की. प्रहार जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष तुषार पुंडकर की हत्या करने के लिए उपयोग में लायी गयी देशी बनावट की पिस्तौल की बिक्री करनेवाले मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित आरोपी शहाबाज खान ने जेल अधीक्षक द्वारा जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज किया है. इसी तरह निखिल सेदानी के आवेदन को भी खारिज कर दिया है. इस प्रकरण में सरकारी वकील अजीत देशमुख ने युक्तिवाद करते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर अपराध है. शहबाज पर बंदूकों की व्यवस्था करने का आरोप है और जेल में कोरोना फैलने के कारण उनके इलाज की अलग से व्यवस्था की गई है. जिससे जमानत देने की आवश्यकता नहीं है.
साथ ही, जेल अधीक्षक को इस मामले में जमानत के संबंध में हाई पावर कमेटी के निर्देशों का सत्यापन करना चाहिए और कैदियों के आवेदनों को अस्थायी जमानत के लिए अदालत में भेजना चाहिए. साथ ही, जेल अधीक्षकों और कैदियों के व्यवहार के कारण अदालत का समय बर्बाद नहीं होना चाहिए. इस प्रकरण के आरोपी निखील सेदानी की अर्जी 4 जुलाई को नामंजूर करने के बाद कोविड-19 को आधार बनाकर अस्थायी जमानत के लिए एक आवेदन भेजा गया था. जिससे यह स्पष्ट है कि जेल अधीक्षक बिना किसी जांच के आवेदन भेजते हैं. दोनों आरोपी मध्य प्रदेश के निवासी हैं और अगर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो वे भाग सकते हैं, यह युक्तिवाद एड.अजीत देशमुख ने किया. जिससे न्यायाधीश ने आदेश देकर दोनों की जमानत अर्जी खारिज की.