शालेय पोषाहार में प्लास्टिक सदृश्य चावल! शिक्षा विभाग को दिए जांच के आदेश

    Loading

    अमरावती. राज्य में कक्षा पहली से आठवीं के छात्रों को शाला की ओर से शालेय पोषण आहार दिया जाता है. पोषाहार में वितरित किए जाने वाले चावल प्लास्टिक सदृश्य होने का आरोप धनोरा कोकाटे के ग्रामस्थों ने लगाया है.

    इस तरह का मैसेज भी सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण इस मैसेज का संज्ञान लेते हुए महिला व बालकल्याण मंत्री तथा पालकमंत्री एड.यशोमति ठाकुर ने चावल के जांच करने के आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए है. उसके अनुसार शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा शालेय पोषाहार अधीक्षक ने शुक्रवार को गांव में पहुंकर इसका निरीक्षण किया. हालांकि चावल स्वास्थ्य के लिए योग्य होने की बात शिक्षा विभाग ने दर्ज कराई है.

    फोर्टीफाइड चावल होने का दावा

    सरकार की ओर से छात्रों को मध्यान्ह भोजन योजना कई वर्षों से शुरू की गई है. इस मध्यान्ह भोजन योजना के माध्यम से शाला के छात्रों को दोपहर के समय चावल का भोजन दिया जाता है, लेकिन कोरोना काल के कारण डेढ़ वर्षों से शालाए बंद है. इसीलिए छात्रों को पोषाहार की बजाए चावल घर में दिया जा रहा है. इसी तरह जिले के धानोरा कोकाटे गांव में भी जिला परिषद शाला में यह चावल छात्रों को दिया गया. घर जाने के बाद छात्र व अभिभावकों ने जब चावल का निरीक्षण किया, तो उसमें कुछ पैमाने पर प्लास्टिक सदृश्य चावल दिखाई दिए. चावल में प्लास्टिक के चावल की मिलावट होने का आरोप भी पालकों ने किया.

    यह मैसेज जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अभिभावकों में डर का वातावरण है. इसीलिए शिक्षा विभाग ने भी इसकी दखल लेते हुए तुरंत निरीक्षण कराया. पोषाहार के चावल में कुछ पैमाने पर मिश्रित चावल के दाने प्लास्टिक ना होते हुए फोर्टीफाइड चावल है. उसी तरह यह चावल छात्रों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारक है. जिन छात्रों के शरीर में लोहा की कमी होती है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है, ऐसा स्पष्टीकरण शिक्षा विभाग ने दिया. 

    प्रयोगशाला में भेजे नमूने

    अभिभावकों के मन में संदेह रहने से इस चावल को प्रयोगशाला में भेजने की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दी है. इतना ही नहीं तो उन्होंने जब गांव को भेंट दी तब चावल के दाने अलग अलग कर उस चावल को पकाया गया और उसकी टेस्ट भी अधिकारियों ने की. दौरान चावल में किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होने का दावा किया गया. इस चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B12 आदि घटक एकत्रित होने का खुलासा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया है. इससे कमजोरी और अन्य घटकों की स्थिति में सुधार होने का भी दावा किया गया है.