- मनसे ने की स्थायी समाधान की मांग
औरंगाबाद. सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन वृध्दि के लिए वेतन आयोग की व्यवस्था की है. हर 10 साल बाद वेतन आयोग द्वारा सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृध्दि होती है, परंतु सालों से एसटी महामंडल में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन वृध्दि के बावजूद अपेक्षित वेतन नहीं मिल पाता.साथ ही कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन में एसटी कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं मिल पाया. जिसके चलते एसटी कर्मचारी कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे हैं. एसटी कर्मचारियों को राहत देने उन्हें हर माह समय पर वेतन देने की मांग महाराष्ट्र नवनिर्माण राज्य परिवहन कामगार सेना की ओर से किया गया.
कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे कर्मचारी
मनसे कामगार सेना के प्रदेशाध्यक्ष हरी माली ने बताया कि एसटी कामगारों को हर 4 साल बाद वेतन करार प्रणाली लागू है. 4 साल बाद सभी संगठनों की करार कृति समिति गठित कर उनकी मांगों का फाइनेंसियल और नॉन फाइनेंसियल 2 हिस्से किए जाते हैं. फाइनेंसियल में वेतन वृध्दि का सूत्र तय किया जाता है. उसके अनुसार महंगाई भत्ता, सालाना वेतन वृध्दि, घर किराया भत्ता आदि तय की जाती है. नॉन फाइनेंसियल में सेवा और सुविधाएं शामिल हैं. इसके बावजूद एसटी कामगारों को अपेक्षित वेतन नहीं मिल पा रहा है. बढ़ती महंगाई और एसटी कामगारों को अपेक्षित वेतन न मिलने के बावजूद एसटी कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. इधर, अपेक्षित वेतन न मिलने से एसटी कर्मचारी बैंक से कर्ज निकालकर अपनी सभी जरुरी सुविधाओं को पूरा कर रहे हैं.
बकाया वेतन भी तत्काल अदा करने की मांग
इसी दरमियान कोरोना महामारी में एसटी कर्मचारियों को गत 3 माह से वेतन भी नहीं दिया जा रहा था. महामंडल ने सिर्फ एक माह का वेतन देकर कामगारों पर अन्याय किया है. ऐसे में महामंडल तत्काल एसटी कामगारों को समय पर वेतन देकर बकाया वेतन भी तत्काल अदा करने की मांग महाराष्ट्र नवनिर्माण राज्य परिवहन कामगार सेना ने की है.प्रदेश सचिव प्रदीप गायकी, प्रदेश उपाध्यक्ष सतनाम सिंह गुलाटी, मराठवाडा अध्यक्ष अशोक पवार पाटिल, मराठवाडा सचिव संदीप जाधव, जिलाध्यक्ष उमेश दीक्षित, विभागीय अध्यक्ष एनडी दिनोरिया, कार्याध्यक्ष निरज वैजापुरकर, सचिव लक्कस पाटिल ने इसका समर्थन किया.