औरंगाबाद. मनपा प्रशासन के समक्ष जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा (Health Protection) सबसे महत्वपूर्ण है। महामारी के इस काल में जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा निधि की कमी नहीं होनी दी जाएगी। जब तक शहर के 70 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण नहीं होगा, तब तक हम कोरोना महामारी (Corona Epidemic) से पूरी तरह राहत नहीं पा सकेंगे। सरकार से टीके पाने में हो रही दिक्कतों के बीच औरंगाबाद मनपा प्रशासन मुंबई मनपा की तर्ज पर टीके खरीदने पर विचार कर रहा है।
मनपा प्रशासन पांडेय ने कहा कि मुंबई मनपा द्वारा टीके खरीदने के लिए प्रकाशित की गई निविदा को किस तरह प्रतिसाद मिलता है, उस पर औरंगाबाद मनपा प्रशासन अगला निर्णय लेगा। एक सवाल के जवाब में पांडेय ने कहा कि टीके खरीदने पर 25 करोड़ रुपए का खर्च आएगा,इसके लिए प्रशासन सभी स्तर पर कदम उठाकर जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए निधि की कमी नहीं होने देगा। टीकाकरण के लिए अनावश्यक कामों पर खर्च नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मनपा प्रशासन के पास हर दिन 20 हजार लोगों के टीकाकरण करने की क्षमता है, परंतु सरकार से उपलब्ध टीकों पर ही टीकाकरण मुहिम का नियोजन किया जा रहा है।
टीकाकरण करना जरुरी
आयुक्त ने कहा कि टीकाकरण पर ही हम कोरोना महामारी का खात्मा शहर से कर सकते है इसलिए प्रशासन मुंबई मनपा की तर्ज पर टीका खरीदने पर विचार कर रहा है। ध्यान रहे कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए अधिक से अधिक टीकाकरण करने को राज्य सरकार द्वारा नियोजन किया जा रहा है, परंतु टीकों की किल्लत के चलते टीकाकरण मुहिम चलाने में प्रशासन को कई दिक्कतों का सामना का सामना करना पड़ रहा है।
और एक साल कोरोना का डर बरकरार
शहर से कोरोना के खात्मे के लिए टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। कोरोना का खतरा आगामी एक साल तक बरकरार रहेगा। ऐसे में प्रशासन आगामी एक साल तक शहर के 70 प्रतिशत नागरिकों को टीके लगाने का नियोजन कर रहा है। आगामी कुछ दिनों में टीके का भरपूर स्टॉक मनपा को मिलेगा, तब प्रशासन द्वारा और अधिक गति से टीकाकरण मुहिम चलायी जाएगी। पांडेय ने कहा कि शहर में भले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी गिरावट आयी है, लेकिन महामारी से मरनेवालों का आंकड़ा देखने के बाद यह साफ है कि आज भी हमारा शहर डेंजर जोन में है।