- 7 महीने में हुई घटना
भंडारा. कुत्ते की पहचान घर के रक्षक के रूप में की जाती है. लेकिन अगर कुत्ता पागल हो जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम होते हैं. फिलहाल, कई लोग खुले एवं पागल कुत्तों के कारण अपनी नींद खो चुके हैं. पिछले 7 महीनों में स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा कुत्ते के काटने से जिले के 4,188 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
नागरिकों के लिए खतरा
अप्रैल से अक्टूबर 2020 तक इन 7 महीनों के कार्यकाल के दौरान, जिले में 4,188 लोगों को कुत्तों ने काट लिया है. लेकिन किसी की मृत्यु नहीं हुई. फिर भी, यह प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. जिले भर में कुत्तों की बढ़ती संख्या नागरिकों के लिए एक खतरा साबित हो रहा है. कुत्ते कई कारणों से हिंसक होते जा रहे हैं.
भंडारा नप द्वारा खुले कुत्तों की व्यवस्था के लिए उपाय किए जा रहे हैं. इसके तहत निविदा प्रक्रिया चलाई जा रही है. संबंधित ठेकेदार इन कुत्तों की देखभाल करेंगे. उसे नपं सहयोग करेंगे.
इस मुख्य क्षेत्र में परेशानी
भंडारा जिले के भंडारा, तुमसर, साकोली में इन तहसीलों में कुत्ते के काटने के अधिक प्रमाण है. भंडारा शहर में जिप चौक से लाल बहादुर शास्त्री चौक तक शाम के समय कुत्तों का आतंक रहता है. कुत्तों का झुंड वाहनों की दिशा में तेज गति से दुर्घटना का कारण बन रहा है. खात रोड, गणेशपुर, टप्पा मोहल्ला आदि जगह प्रमाण ज्यादा दिखाई देता है.