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भंडारा. रेती की कालाबाजारी के कारण सरकार को करोड़ों की राजस्व राशि से वंचित होना पड़ रहा है. रेती घाट की नीलामी न होने के कारण रेती तस्करों के अच्छे दिन आ गए हैं. भंडारा शहर में हर दिन रेती के कई टैक्टर रेती की कालाबाजारी करते दिखाई देते हैं. जिस गति से रेती तस्करी का कारोबार चल रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि बगैर अधिकारियों की मिलीभगत से इस कार्यों को अंजाम नहीं दिया सकता.

वैनगंगा नदी के साथ-साथ चूलबंद, तूर तथा बावनथड़ी नदी तट पर रेती का उत्खनन किया गया जाता है. तुमसर, मोहाड़ी, लाखनी, साकोली तथा भंडारा की सीमा में आने वाले रेती घाट के रेती की तस्करी खुलेआम की जा रही है.

घाटों की नहीं हुई नीलामी
रेती घाट की नीलमी नहीं होने के कारण रेती माफिया ने यह तरीका अपनाया है. रेती की बड़े पैमाने पर डम्पिंग की गई है. डम्पिंग के बाद ट्रैक्टर तथा टिप्पर के माध्यम से उस रेती की कालाबाजारी की जाती है. 5 दिनों पहले मोहाड़ी तहसील में डम्पिंग की गई रेती का भंडारण कर उसे जब्त किया गया है. इस बारे में जिले में इस मुद्दे को लेकर जबर्दस्त चर्चा हो रही हैं. तुमसर तहसील में भी रेती तस्करी का काला कारोबार हो रहा है. नदी तट पर भारी पैमाने पर रेती का उत्खन्न किया जाता है.