Drug dealer injured in police encounter

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भंडारा (का). शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में अथवा महामार्ग पर भी जब दुर्घटना होती है, तब उस रास्ते से गुजरने वाले लोग तथा आसपास रहने वाले लोग जो देख लेने की घमकी देते हैं, वह उचित नहीं है. कोई भी दुर्घटना होने की स्थिति में यह जाने बगैर की गलती किसकी है स्थानीय लोग घमकाने की भाषा का प्रयोग करने लगते हैं. कई बार तो ऐसी स्थिति भी होती है कि लोग कानून में हाथ में लेकर दूसरे पक्ष वाहनचालक के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं, यह ठीक नहीं है.

भंडारा जिले की जनसंख्या की तरह ही यहां के वाहनचालकों की संख्या में भी वृद्धि होती जा रही है. बढ़ते यातायात के कारण शहर के बड़े रास्ते भी छोटे नज़र आने लगे हैं. इनमें से ही कुछ वाहनचालक यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने वाहन को इतनी तेजी से चलाते हैं कि किसी बड़े हादसे की आशंका सदैव बनी रहती है. रास्तों पर अपने मनमाफिक वाहन चलाते समय अगर दुर्घटना होने की स्थिति में ऐसे वाहनचालक फोन करके अपने आसपास के लोगों को बुलाते हैं और घटना स्थल पर जमा लोगों तथा पुलिस कर्मियों को धमकाते हैं कि देख लेंगे हम आप सभी को.

कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि नियमों का उल्लंघन करके वाहन चलाने वाले अगर किसी दूसरे वाहन से अपना वाहन टकराने की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त वाहन चालक को उसी हालत में छोड़कर वहां से फरार हो जाते हैं. वाहनचालकों की इस कृति से मानवता किस कदर गिर गई है, इसका पता चलता है. भीड़ भरे चौराहों पर तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ एक अभियान ही चलाए जाने की मांग स्थानीय लोगों की ओर से की जा रही है.

वाहन की गति तथा यातायात के नियमों का पालन न करने वालों से सर्फि जुर्माना ही न वसूल पर उनके वाहन तथा लाइसेंस दोनों जप्त किए जाए ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने में काफी हद तक सफलता प्राप्त हो. वाहन तथा लाइसेंस जब्ती जैसी सख्त सजा ही यातायात नियमों का पालन न करने वालों की मनोवृत्ति पर अंकुश लगाएगी, ऐसा यहां के अधिकांश लोगों का कहना है.