लापरवाही: पशु चिकित्सालय में न स्टाफ और  न ईंधन, धूल खा रही मोबाइल एंबुलेंस

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    मोहाड़ी. किसानों के आर्थिक पक्ष को मजबूत करने के लिए सरकार ने पशु चिकित्सा सेवा को पशुओं के दरवाजे तक मामूली शुल्क पर पहुंचाने के लिए मोबाइल पशु चिकित्सालय में एक एम्बुलेंस भेजी. लेकिन धन और कर्मचारियों की कमी के कारण तहसील लघु पशु चिकित्सा सामान्य अस्पताल मोहाड़ी में मोबाइल अस्पताल की एंबुलेंस कई दिनों से धूल में खड़ी है. 

    अधिकारी पर है 3 पशु चिकित्सालयों का प्रभार

    सहायक पशु चिकित्सा विकास अधिकारी कुंदन दरवाडे को चल पशु चिकित्सालय का प्रभार दिया गया है. लेकिन उन्हें दो-तीन पशु चिकित्सालयों का प्रभार दिया गया है. सहायक पशुपालन आयुक्त मुकुंद कडू एक माह बाद सेवानिवृत्त हो रहे है. अस्पताल अंतर्गत पशुओं के उपचार की सुविधा बंद होने से किसानों ने नाराजगी जताई है. 

    बंद है चिकित्सालय, समय पर नहीं होता पशुओं का इलाज

    तहसील में मवेशी, भैंस, भेड़ और अन्य जानवर की संख्या लाखों में है. बारिश के दिनों में पशु कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. पिछले खरीफ सीजन में इलाज के अभाव में कई जानवरों की मौत हो चुकी है. पशु चिकित्सा अधिकारियों के पास सरकारी वाहन हैं लेकिन वाहनों में डीजल डालने के लिए पैसे, दवा व स्टाफ के अभाव में वाहनों में जंग लग गया है. इसलिए गांवों में पशु चिकित्सा बंद है. इसके चलते कई जानवर मर रहे हैं.

    वाहन से ले जाना पड़ता है पशु 

     मोहाड़ी तहसील में कृषि के बाद, डेयरी व्यवसाय एक प्रमुख व्यवसाय है. हालांकि पशु स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की कमी के कारण, पशुओं को इलाज के लिए ले जाना पहुंच से बाहर है.  गांवों में पशु स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या जटिल हो गई है. कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण, सर्जरी, बांझपन की जांच, दवा, लार ग्रंथी की रोकथाम आदि का प्रश्न अधिक जटिल होता जा रहा है.  पशुओं के बीमार होने पर उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय ले जाना पड़ता है. अगर जानवर चल नहीं सकता है, तो उसे इलाज के लिए वाहन से ले जाना होगा. 

    निजी डाक्टरों को खोजना पड़ता है

     हालांकि सरकार ने अस्पताल व परिवहन की अपर्याप्त सुविधाओं के कारण पशु चिकित्सा सेवाओं को पशु चिकित्सकों के दरवाजे तक ले जाने का फैसला किया है. लेकिन यह योजना किसानों के लिए धोखाधड़ी साबित हो रही है. किसानों के लिए उपलब्ध पशुधन की तुलना में पशु चिकित्सा सेवाएं दुर्लभ हैं.

    ऐसे में अक्सर जानवर बकरियां, मर जाते हैं. मोहाड़ी में सरकारी पशु औषधालयों की संख्या कम होने के कारण गांव में पशु चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. अस्पताल में दवा की कमी, अधिकारियों, चंद कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ, मोबाइल वाहन में डीजल भरने के लिए पैसे नहीं होने के कारण गाड़ी खड़ी बताई जा रही है.  इसलिए किसानों को निजी डाक्टरों की तलाश करनी पड़ी रही हैं, मोबाइल पशु चिकित्सालय में इलाज की सुविधा बंद होने को लेकर सभी ओर रोष जताया जा रहा है.