Sihora Dhaan, Paddy
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  • नए धान की खरीदी केंद्र में देरी का परिणाम

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भंडारा. धान खरीदी केंद्र में बिक्री के लिए लाया गया धान खरीदी केंद्र शुरू करने में देरी के कारण भीग गया. अब किसान प्रकृति के साथ-साथ सरकार की दमनकारी नीति को भी दोषी ठहरा रहे हैं. जिले के सभी हिस्सों में बेमौसम बारिश के कारण किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है.

खरीफ मौसम में कई संकटों का सामना करते हुए, क्षेत्र के किसानों ने धान का उत्पादन किया है. बेमौसम बारिश और तुड़तुड़ा के साथ कई संकटों का सामना करने के बाद धान की फसल हाथ में आई. धान खरीदी केंद्र पर किसान धान बिक्री के लिए लाए हैं, लेकिन 10 से 15 दिनों के बाद भी, उन्हें केंद्र में नहीं गिना गया. ऐसे में बेमौसम बारिश के कारण धान भीग गया है. 

नए केंद्र का प्रस्ताव अटका

जिले में धान खरीदी केंद्र उत्पादन की तुलना में कम है और यह देखते हुए कि बेमौसम बारिश से नुकसान हो सकता है, इसलिए किसान जल्दी मुआवजे के लिए माल बेचने लाए थे, उन्होंने सरकार के आदेश से विभिन्न संस्थानों के माध्यम से धान खरीदी केंद्र शुरू करने के लिए एक महीने पहले एक प्रस्ताव मांगा था, हालांकि नए खरीदी केंद्र को मंजूरी नहीं दी गई. इसके कारण किसानों को बेमौसम बारिश से नुकसान उठाना पड़ रहा है. विशेषता धान खरीदी केंद्र की मांग के लिए संस्थान के लिए कई शर्तें रखी गई थी. इसमें लाखों रुपए का चेक 50 से 60 लाख रुपये का मूल्य निर्धारण प्रमाणपत्र, गोडाउन उपलब्धता प्रमाण पत्र, विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र शामिल थे. फिर भी कई संस्थानों ने प्रस्ताव प्रस्तुत किए, लेकिन इन संस्थानों को धान खरीदी केंद्र की मंजूरी नहीं मिली.

आचार संहिता के कारण अटका केंद्र

जब कुछ संस्था संचालकों को जिला विपणन अधिकारी से इस बारे में जानकारी मिली, तो बताया गया कि सरकार ने नए धान खरीदी केंद्रों को मंजूरी देने के लिए पालकमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है यह कमेटी तय करेगी. अब आचार संहिता होने के कारण यह कमेटी निर्णय नहीं ले सकती है. बताया गया कि चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद नए धान खरीदी केंद्र के बारे में तय किया जाएगा, हालांकि सरकार की इस नीति से किसानों को मुसीबत से दो चार होना पड़ रहा है. उन्हें धान खुले पर रखकर बिक्री के लिए इंतजार करना पड़़ रहा है.