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  • भंडारा में गुड्स शेड भी संभव : डीआरएम मनिंदर उप्पल

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भंडारा. विकास नहीं होने की मुख्य दिक्कत जनप्रतिनिधि एवं संबंधित विभागों के बीच संवादहीनता होती है. किसान रेल स्टापेज में जन प्रतिनिधियों की नाकामी भी सामने आयी थी. अब रेल पटरी उखाड़ने के मामले में भी साफ होता जा रहा है कि अगर इस मसले को रेलवे विभाग के सामने सही तरीके से रखा जाए तो समाधान मुश्किल भी नहीं है. भंडारा रेल पटरी उन्मूलन मामले में नागपुर मंडल रेल प्रबंधक मनिंदर उप्पल ने कहा कि पटरी निकालने के बाद जमीन को संरक्षित किया जाएगा. वैसे यहां सोलर प्लांट लगाने की योजना है. वैसे अगर कोई चाहे तो निजी फर्म भंडारा रोड से भंडारा तक रेल पटरी का विकास एवं भंडारा में गुडस् शेड निर्माण भी संभव है.

भंडारा आयुध निर्माणी को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय एवं रेलवे मंत्रालय द्वारा भंडारा रोड रेलवे स्टेशन से जवाहरनगर तक रेल पटरी बिछाई गयी थी. इस दौरान रेलवे ने दूर दृष्टि का परिचय देते हुए भंडारा शहर में बड़ी मात्रा में जमीन भी खरीदी. साल बीते, भंडारा में रेलवे की जमीन से संबंधित कोई प्रस्ताव रेल मंत्रालय को नहीं भेजा गया. जब आयुध निर्माणी ने रेल पटरी का इस्तेमाल बंद कर दिया. रेल पटरी एवं हाईटेंशन पावरलाइन का रखरखाव एवं सुरक्षा की दृष्टि से सफेद हाथी साबित हुई. तांबे की तारें काटने की घटनाएं बढ़ी. जिससे रेलवे इस जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाना चाहती थी.

प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में भंडारा में गुड्स शेड निर्माण के संबंध में सर्वेक्षण भी हुआ था, लेकिन हार से पटेल का दिल टूट गया एवं योजना ठंडे बस्ते में चली गयी. इसी दौरान रेल पटरी उखाड़ने के प्रस्ताव को अंतिम रूप मिल चुका था, लेकिन जनक्षोभ को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन सांसद प्रफुल्ल पटेल, नाना पटोले ने इस पर अमल करने से स्वयं को रोका. पटरी उखाड़ने के पुराने प्रस्ताव पर अब अमल हो रहा है. स्वाभाविक पटरी नहीं बचा पाने का ठीकरा मौजूदा सांसद सुनील मेंढे पर फूट रहा है.

सर्वदलीय प्रस्ताव पर नहीं हुई प्रगति

उल्लेखनीय है कि दिवाली के पूर्व में जब रेलवे ने रेल पटरी निकालने का काम शुरू किया. तब विधायक भोंडेकर मौके पर पहुंचे एवं काम बंद करवाया. इसके पश्चात सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ. जिसमें सांसद सुनील मेंढे, पूर्व सांसद मधुकर कुकड़े, विधायकद्वय नरेंद्र भोंडेकर, राजू कारेमोरे के अलावा रेल यात्री सेवा समिति पदाधिकारी एवं राकां, कांग्रेस, शिवसेना एवं अन्य दलों के प्रतिनिधि पहुंचे थे. इस बैठक में मधुकर कुकड़े की अध्यक्षता में भंडारा जिला रेल विकास समिति का गठन हुआ. सांसद मेंढे ने वादा किया था कि वे रेल बोर्ड चेयरमैन से बात करेंगे. विधायकद्वय भोंडेकर एवं कोरेमोरे मुख्यमंत्री ठाकरे से बात करने वाले थे. विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने भी जिलाधिकारी से बात कर रेल पटरी का संरक्षण करने का पक्ष लिया था, लेकिन विडंबना देखिए कि सर्वदलीय नेताओं के प्रयासों में निश्चित रूप से कमी रही एवं विगत दो दिनों से रेल पटरी उखाड़ने का काम पुन: शुरू हुआ है.

मेंढे निभाएं जिम्मेदारी : भोंडेकर

विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने संकेत दिए हैं कि मुंबई से लौटकर वे पुन: काम बंद करवाएंगे, चूंकि मामला केंद्र सरकार के अधीन आता है, सांसद सुनील मेंढे चाहें तो रेल पटरी बच सकती है, लेकिन बात इच्छाशक्ति की है. भोंडेकर ने कहा कि वे नई योजना तैयार कर जरूरत पड़ी तो दिल्ली जाएंगे.

पटरी नूतनीकरण करें : मधुकर कुकड़े

पूर्व सांसद मधुकर कुकड़े ने कहा कि रेल पटरी बची रहेगी. इसको लेकर वे आश्वस्त थे. रेल अधिकारी एवं जिला प्रशासन के बीच हुई बैठक में उन्हें बुलाया नहीं गया था. जवाहरनगर से भंडारा रोड में रेल पटरी नूतनीकरण कर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है.

गुड्स शेड संभव

भंडारा जिला सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में अव्वल बन चुका है. प्रतिदिन 100 ट्रक माल बाहर भेजा जाता है. इसके अलावा धान एवं अन्य अनाज का उत्पादन होता है. पीतल उत्पाद भी समूचे भारत में भेजे जाते हैं. जिससे भंडारा शहर में अगर गुड्स शेड सुविधा व भंडारा रोड से भंडारा तक रेल पटरी नूतनीकरण किया जाए तो भंडारा शहर को विकसित मार्केट बनने में देर नहीं लगेगी. इससे जुड़े सवाल पर डीआरएम मनिंदर उप्पल ने कहा कि निजी क्षेत्र से अनुकूल प्रस्ताव आता है, तो गुड्स शेड एवं रेल पटरी नूतनीकरण भी संभव है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर बातचीत आगे बढ़ाई जा सकती है.

सोशल मीडिया में भड़ास

पदवीधर चुनाव में भंडारा एवं विदर्भ विकास की बातें हुई, लेकिन चुनाव संपन्न होते ही रेल पटरी उखाड़ने का काम शुरू हुआ. इस टाइमिंग पर लोग जन प्रतिनिधियों की चुटकी ले रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि लोगों की भावनाओं से खेला जा रहा है. लोग कर रहे हैं कि सर्वदलीय समिति बैठक में सांसद मेंढे, पूर्व सांसद मुधकर कुकड़े एवं विधायक भोंडेकर व कारेमोरे ने जो वादा किया था, उस पर उन्हें कायम रहना चाहिए.