strike

  • 3 वर्षों के एरियस के लिए अड़े

Loading

तुमसर (सं). महाराष्ट्र-मप्र के भंडारा, नागपुर एवं बालाघाट जिले में मैगनीज का उत्पादन करने वाली 10 मायल कंपनियों के हजारों कामगारों द्वारा अपनी आधिकारिक मांग को लेकर गुरुवार से एक साथ कामबंद आंदोलन शुरू किया गया है. कामगार 3 शिफ्टों में जा कर कामबंद आंदोलन कर रहे हैं. इस वजह से मायल का रोजाना 65 करोड़ से अधिक का नुकसान हो रहा है.

सकारात्मक भूमिका का इंतजार
इस संदर्भ में पंजीबद्ध कामगार संघटन के महामंत्री रामावतार देवांगन ने बताया कि जब तक कामगारों को 3 वर्ष का एरियस देने के बारे में मायल प्रशासन द्वारा सकारात्मक भूमिका अपनाई नहीं जाती तब तक कामबंद आंदोलन जारी रहेगा. कामगारों के वेतन वृद्धि के संदर्भ में 2017 से मांग की जा रही है. मायल प्रशासन द्वारा इस ओर अनदेखी की गई थी. अब 2020 से वेतन बढ़ाने की गारंटी दी जा रही है. 3 वर्ष का एरियस देने के बारे में आनाकानी की जा रही है. इससे कामगारों में असंतोष का वातावरण बना हुआ था.

कंपनी नहीं है तैयार
मायल प्रशासन का कहना है कि जब  वेतन वृध्दि के संदर्भ में 2020 में करारनामा किया जा रहा है तब 3 वर्ष का एरियस देने का सवाल ही नही उठता. मायल प्रशासन के सीएमडी मुकुंद चौधरी से करार नामा करते वक्त कामगार नेताओं द्वारा अनेको बार अनुरोध किया गया था. उनके द्वारा ध्यान नहीं देने से मायल को रोजाना करोड़ो रुपयों का नुकसान हो रहा है. कामगारों के मसले को लेकर मायल के नागपुर स्थित मुख्य कार्यालय में चर्चा शुरू है. लेकिन अब तक कोई हल नही निकला है.

कामगारों को न्याय दिलाने के लिए मायल पंजीबद्ध कामगार संगठन के मुंकुंदा जांभुलकर, एल के ड्रेलन, अफकाज कुरेशी, सुरेश वहिले, दिलीप नागोसे, विजय गिल, शिवकुमार देबुराव, सुधीर मते, राजेन्द्र देशमुख, जानू बुधराम, दामसिंह नेताम, सुदाम धवड़े, राजू गजभिए, राजेश ब्रह्में द्वारा प्रयास किया जा रहा है.