दो होटलों तथा दो निजी अस्पतालों को मिला कोरोना चिकित्सालय का दर्जा

  • जिलाधिकारी ने संदीप कदम ने दिए आदेश

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भंडारा (का). जिले में कोरोना के बढ़ते फैलाव के मद्देनज़र जिलाधिकारी संदीप कदम ने आदेश पर तो होटलों तथा दो निजी अस्पतालों को कोरोना चिकित्सालय का दर्जा दिया गया है. जिले में सितंबर माह में सबसे तेज गति से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है. कोरोना मरीजों का इलाज ठीक तरह के हो, उन्हें किसी भी तरह की परोशानी न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने उक्त आदेश दिए हैं.

भंडारा जिले में दिनोंदिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. कोरोना मरीजों की संख्या में जितनी बढ़ेगी, जिला प्रशासन की परेशानी भी उतनी ही बढ़ेगी. कोरोना मरीजों की संख्या नियंत्रित करके भंडारा जिले को  कोरोना मुक्त करना जिलाधिकारी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, इसलिए जिलाधिकारी स्थिति पर बारीक नज़र बनाए हुए हैं. कोरोना के बढ़ते मरीजों के कारण जिला प्रशासन की सक्रियता पहले की तुलना में और ज्यादा बढ़ गई है. जिला सामान्य अस्पताल में काम का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है. कामकाज बढ़ने के कारण जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ाने के कारण यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों में नाराज़गी व्याप्त है. कोरोना के बढ़ते फैलाव को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ अब निजी क्षेत्र के चार अस्तपालों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिलाधिकारी संदीप कदम ने मान्यता दी है.

 भंडारा के अशोका होटल (Ashoka Hotel), होटल रॉयल प्लाझा (Hotel Royal Plaza), यादवराव पडोले मेमोरियल हास्पिटल  (Yadavrao Padole Memorial Hospital) एंड क्रिटीकेयर सेंटर तथा श्रीकृपा हास्पिटल को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखा गया है. अशोका होटल में डॉ गोपाल व्यास, डॉ मनोज चव्हाण, डॉ मनोज झंवर अपने सेवाएं दे रहे हैं. तो होटल रॉयल प्लाजा में डॉ भूपेंद्र सुर्वे, पडोले मेमोरियल हास्पिटल डॉ प्रांजली पड़ोले तथा श्रीकृष्ण हॉस्पिटल में डॉ. अविनाश नान्हे सेवाएं देंगे. इन केंद्रो में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की ओर सरकार की ओर से तय किया गया शुल्क वसूलने के निर्देश दिए गए. इन केंद्रों में जब कोरोना मरीजों का उपचार शुरू हो जाएगा तो जिला सामान्य अस्पताल पर बढ़ा काम का बोझ कम होगा और मरीजों का उपचार अच्छी तरह से होगा.