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सिडनी: दुनिया की अधिकतर प्राकृतिक तटरेखा जीवित रिहायशों द्वारा संरक्षित है, विशेष रूप से गर्म पानी में मैंग्रोव और ध्रुवों के करीब ज्वारीय दलदल। ये पारिस्थितिकी तंत्र मत्स्य पालन और वन्य जीवन की सहायता करते हैं, टकराती लहरों के प्रभाव को अवशोषित करते हैं और प्रदूषकों को साफ करते हैं। लेकिन, इन महत्वपूर्ण सेवाओं को वैश्विक तापमान में लगातार हो रही वृद्धि और समुद्र के बढ़ते हुए जल स्तर से खतरा है। हाल के शोध से पता चला है कि आर्द्रभूमियां अपनी जड़ प्रणालियों का निर्माण करके, इस प्रक्रिया में वातावरण से कॉर्बन डाइऑक्साइड खींचकर, समुद्र के बढ़ते हुए जल स्तर में वृद्धि को कम करने में मदद कर सकती हैं।

इस ‘नीले’ कॉर्बन पृथक्करण की क्षमता की बढ़ती मान्यता मैंग्रोव और ज्वारीय दलदल बहाली परियोजनाओं को मजबूती प्रदान कर रही है। हालांकि, इन पारिस्थितिकी तंत्रों का लचीलापन प्रभावशाली है, लेकिन इसकी कोई सीमा नहीं है। समुद्र के जल स्तर में तेजी से वृद्धि के तहत मैंग्रोव और दलदली लचीलेपन की ऊपरी सीमा को परिभाषित करना बहुत रुचि और काफी बहस का विषय है। ब्रिटिश वैज्ञानिक पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित हमारे नए शोध में समुद्र के जल स्तर में वृद्धि के प्रति मैंग्रोव, दलदल और प्रवाल द्वीपों की संवेदनशीलता और जोखिम का विश्लेषण किया गया है। इसके परिणाम वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक आधार रेखा के दो डिग्री सेल्सियस के भीतर रखने के महत्वपूर्ण पहलू को रेखांकित करते हैं।

हमने क्या किया

हमने सभी उपलब्ध साक्ष्य एकत्र किए कि मैंग्रोव, ज्वारीय दलदल और प्रवाल द्वीप समुद्र के जल स्तर में वृद्धि पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं। इसमें शामिल हैं -भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड में यह अध्ययन करना कि तटीय प्रणालियों ने पिछली बार समुद्र के जल स्तर में हुई वृद्धि पर कैसे प्रतिक्रिया दी। अंतिम हिमयुग के बाद – मैंग्रोव और ज्वारीय दलदलों में सर्वेक्षण बेंचमार्क के वैश्विक नेटवर्क का दोहन -समुद्र के जल स्तर में वृद्धि की अलग-अलग दरों पर आर्द्रभूमि और प्रवाल द्वीपों की सीमा में परिवर्तन के लिए उपग्रह के जरिए ली गयी तस्वीरों का विश्लेषण करना। कुल मिलाकर, हमारी अंतरराष्ट्रीय टीम ने दुनिया भर में 190 मैंग्रोव, 477 ज्वारीय दलदल और 872 प्रवाल चट्टान द्वीपों का आकलन किया। फिर हमने यह पता लगाने के लिए कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग किया कि अनुमानित तापमान में वृद्धि के परिदृश्यों के तहत समुद्र के जल स्तर में तेजी से वृद्धि के कारण ये तटीय पारिस्थितिकी तंत्र कितना प्रभावित होंगे। 

मैंग्रोव, ज्वारीय दलदल और प्रवाल द्वीप समुद्र के जल स्तर में वृद्धि की कम दर का सामना कर सकते हैं। वे स्थिर एवं स्वस्थ रहते हैं। हमने पाया कि अधिकतर ज्वारीय दलदल और मैंग्रोव समुद्र स्तर की वर्तमान दर, लगभग 2-4 मिमी प्रति वर्ष, के साथ तालमेल बनाए हुए हैं। इन परिस्थितियों में प्रवाल द्वीप भी स्थिर दिखाई देते हैं।

कुछ स्थानों पर, जमीन डूब रही है, इसलिए समुद्र के जल स्तर में वृद्धि की सापेक्ष दर अधिक है। भविष्य में जलवायु परिवर्तन के तहत अपेक्षित दरों की तुलना में यह 2-4 मिमी का आंकड़ा दोगुना या अधिक हो सकता है। इन परिस्थितियों में, हमने पाया कि दलदल समुद्र के स्तर में वृद्धि के साथ तालमेल बिठाने में विफल हो रहे हैं। वे धीरे-धीरे डूब रहे हैं और कुछ मामलों में टूट भी रहे हैं। इसके अलावा, ये समुद्र के जल स्तर में वृद्धि की वही दर है जिसके तहत दलदल और मैंग्रोव भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड में डूब जाते हैं। ये मामले हमें गर्म होती दुनिया में भविष्य की झलक दिखाते हैं। (एजेंसी)