इस बार त्यौहार चाइनीज नहीं, भारतीय होंगे

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व्यापारियों ने बनाई व्यापक योजना

20,000 करोड़ का आयात नहीं होगा

मुंबई. कोरोना संकट और चीन से चल रहे विवाद के बीच देश भर में अगस्त से लेकर नवम्बर तक त्यौहारी सीजन शुरू हो रहा है. वर्तमान परिस्थितियों के बीच इस बार त्योहारों पर बाजारों में शायद वो चहल पहल ना दिखाई दे, जो हर वर्ष दिखाई देती है. इस बार के सभी त्यौहार उमंग किंतु सादगी के साथ मनाए जाएंगे. भारतीय व्यापारियों ने तय किया है कि इस बार हर त्यौहार पूर्ण रूप से भारतीय त्यौहार होगा. जिनमें चीनी सामान पूरी तरह से नदारद होंगे और भारतीय संस्कृति एवं त्योहारों की पवित्रता बनाए रखने के लिए केवल भारत में बनी वस्तुओं का ही उपयोग होगा. पिछले साल त्योहारी सीजन में चीन से लगभग 20,000 करोड़ रुपए का सामान आयात हुआ था, जिसकी चपत इस बार चीन को लगना तय है.  

स्वदेशी वस्तुओं की नहीं होगी कमी

व्यापारी महासंघ ‘कैट’, जो इस समय देश भर में चाइनीज वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान की अगुवाई कर रहा है, ने मुंबई सहित देश के सभी व्यापारी संगठनों को सन्देश दिया है कि 3 अगस्त से शुरू हो रहे राखी के त्यौहार से लेकर 25 नवम्बर तुलसी विवाह तक सभी त्योहारों में काम आने वाले सभी भारतीय वस्तुओं को देश भर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया जाए. जिससे किसी भी व्यक्ति को भारतीय सामान खरीदने में कोई समस्या न आए. इस तीन महीने के त्योहारी सीजन में राखी, जन्माष्टमी, गणेशोत्सव, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, धनतेरस, दिवाली, भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह आदि त्यौहार आएंगे और हर त्यौहार पर भारतीय सामान आसानी से प्राप्त हो, इस सम्बन्ध में ‘कैट’ ने एक बहुत ही व्यापक योजना बनाई है. इस त्योहारी सीजन में आने वाले सभी त्योहारों पर उपयोग में आने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची कैट तैयार कर रहा है.

15 जुलाई तक जुटाए जाएंगे आंकड़े

‘कैट’ के मुंबई अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि हमने देश के सभी प्रदेशों में काम कर रहे ‘कैट’ की राज्यस्तरीय टीम तथा अन्य प्रमुख व्यापारी संस्थाओं को यह सलाह दी है कि वो इन त्योहारों से सम्बंधित भारतीय सामान बनाने वाले निर्माता, कारीगर, लघु उद्योग, कुम्हार, महिला उद्यमी, स्टार्टअप आदि से संपर्क कर उनके राज्य में कितनी मात्रा में यह सामान बनता है, इसका डाटा इकट्ठा करें. वहीं दूसरी ओर उनके राज्यों में उन सामानों की कितनी खपत होती है, उसका भी डाटा एकत्र करें. इसके लिए कैट ने अंतिम तारीख 15 जुलाई तय की है. हम महाराष्ट्र में भी ये आंकड़ें जुटा रहे हैं.

ट्रांसपोर्टर देंगे स्वदेशी वस्तुओं को प्रोत्साहन

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा कि चीन ना तो एक अच्छा पड़ोसी है और ना ही एक अच्छा व्यापारिक देश है. उन्होंने कोरोनो वायरस की तरह भारतीय व्यापार प्रणाली में प्रवेश किया है. अब समय आ गया है कि जब चीन को हमारे सिस्टम से पूरी तरह से बाहर निकाल दें. देश का परिवहन उद्योग इस अभियान को सभी तरह से समर्थन देगा और ट्रकों को चलाने में उपयोग किए जाने वाले सभी चीनी सामानों का बहिष्कार करेगा.हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रकों के निर्माता भी स्वदेशी स्रोतों से आगे बढ़ें.

चीनी वस्तुएं घटिया और असुरक्षित

उपभोक्ता ऑनलाइन फाउंडेशन के संस्थापक बिजोन मिश्रा ने कहा कि भारतीय उपभोक्ता अब चीनी उत्पादों और सेवाओं की खरीद नहीं करेंगे. यह सब जान गए हैं कि चीनी वस्तुओं की क्वालिटी भी निम्न दर्जे की रहती है बल्कि असुरक्षित भी हैं. हम देश के उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं को भारतीयों द्वारा निर्मित और वितरित करना चाहते हैं, भले ही इसके लिए हमें ज़्यादा क़ीमत ही क्यों न देनी पड़े. हमें विश्वास है कि हमारा व्यापारिक समुदाय चीन उत्पादों के बहिष्कार का समर्थन करते हुए केवल गुणवत्ता वाली वस्तुएं वाजिब कीमतों पर उपलब्ध कराएगा.