Uptrend in Residential sales but commercial slowdown continue

  • ‘वर्क फ्रॉम होम’ ने घटाई मांग
  • 6 महीनों में हालात बेहतर होने की उम्मीद

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मुंबई. कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के महासंकट की मार झेलने के बाद रीयल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के रेसिडेंशियल (Residential) यानी आवासीय सेगमेंट में तो फिर रौनक आने लगी है, लेकिन कमर्शियल (Commercial) सेगमेंट अभी भी मंदी से जूझ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है ‘वर्क फ्रॉम होम’। जिसकी वजह से कार्पोरेट सेक्टर की मांग में भारी गिरावट आई है। 

कमर्शियल प्रॉपर्टी (Commercial Property) की मांग सबसे ज्यादा सेवा क्षेत्रों की तरफ से ही रहती है और आईटी (IT) सहित अधिकांश क्षेत्रों में घर से काम का प्रचलन जारी रहने से नई मांग ठप है, उल्टे बहुत से ऑफिस खाली किए जाने से आपूर्ति बढ़ गई है। हालांकि बिल्डरों को उम्मीद है कि वैक्सीनेशन शुरू होने और कोरोना का प्रभाव घटने से अगले 3 से 6 महीनों में हालात बेहतर हो जाएंगे। दिसंबर से मांग निकलने के संकेत मिले हैं।

41% घटी ऑफिस स्पेस बिक्री

कमर्शियल सेगमेंट में बिक्री और भाड़े (लीजिंग), दोनों में भारी कमी देखी जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई सहित देश के सात बड़े शहरों में 2020 के दौरान कुल ऑफिस स्पेस बिक्री में जहां 41% की भारी गिरावट दर्ज हुई, वहीं लीजिंग के लिए ऑफिस स्पेस की मांग 44% घट गई। पूरे साल कुल ऑफिस स्पेस बिक्री (Office Space sales) 41% घटकर 34 मिलियन वर्ग फीट रही. जबकि ऑफिस स्पेस लीजिंग (Office Space leasing) मांग घटकर 25.82 मिलियन वर्ग फीट रह गई, जो कैलेंडर वर्ष 2019 में 46.5 मिलियन वर्ग फीट रही थी। लॉकडाउन के कारण पूरी छमाही यानी अप्रैल-सितंबर सबसे ज्यादा खराब रही। हालांकि अर्थव्यवस्था में सुधार आने से अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही कुछ बेहतर रही और इस दौरान 8.27 मिलियन वर्ग फीट स्पेस भाड़े पर गया, जो पिछली तिमाही की तुलना में 52% अधिक है।

उपनगरों में बढ़ती मांग, दक्षिण मुंबई में घटी

अब कई कंपनियां और व्यवसायी दक्षिण मुंबई से उपनगरों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। जिससे दक्षिण मुंबई के कमर्शियल इलाकों में मांग कमजोर रहने की संभावना है और उपनगरों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। अपने घरों के पास ऑफिस खोलने का प्रचलन बढ़ने से फोर्ट, नरीमन प्वाइंट जैसे मुंबई के पुराने इलाकों में मांग घट गई है और कई ऑफिस खाली होने से आपूर्ति बढ़ गई है। जबकि आवासीय इलाकों वाले उपनगरों में मांग कुछ बढ़ती दिख रही है। बीकेसी, लोअर परेल और अंधेरी जैसे नए कमर्शियल इलाकों, जहां बड़ी संख्या में नए निर्माण होने से आपूर्ति अत्याधिक बढ़ी है, वहां भी मांग बेहद कमजोर है।

घरों की बढ़ रही बिक्री

स्टाम्प ड्यूटी में कटौती, अर्थव्यवस्था में तेजी और सस्ते होम लोन के कारण रेसिडेंशियल सेगमेंट में सितंबर के बाद से हर महीने लगातार बिक्री में बढ़ोत्तरी हो रही है। दिसंबर 2020 के दौरान मुंबई में 18,854 घरों की भारी बिक्री हुई, जो पिछले 5 साल में दिसंबर माह का सर्वाधिक आकंड़ा है। सितंबर से दिसंबर, 2020 की अवधि के बीच मुंबई में 42,047 यूनिट्स का पंजीकरण दर्ज हुआ।

कमर्शियल रियल एस्टेट 2020 में कोविड संकट के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ। महामारी ने पूरी दुनिया में कर्मचारियों को घरों से काम करने पर मजबूर कर दिया। कोरोना का खतरा कायम रहने से कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियो के लिए वर्क फ्रॉम होम को जारी रखा है और जब तक वैक्सीन को जनता के लिए नहीं उतारा जाएगा, तब तक ऑफिस में जाना संभव नहीं लग रहा। लिहाजा कमर्शियल सेगमेंट में मांग बहाल होने में दो से तीन तिमाही लग सकती है। 2021 में घरों की मांग में बढ़ोतरी जरूर होगी। क्योंकि कर्मचारियों को अगले 6 महिनों तक घर से काम करना जारी रखना पड़ सकता है।

-मंजू याज्ञनिक, उपाध्यक्ष, नाहर ग्रुप और नरेडको महाराष्ट्र

फिलहाल कोरोना का खतरा बना हुआ है। सभी को वैक्सीन का इंतजार है। इसलिए कार्पोरेट सेक्टर में अनेक कंपनियां ‘वर्क फ्रॉम होम’ करा रही है। जिसकी वजह से कमर्शियल सेगमेंट में मांग अभी कमजोर है, लेकिन ‘वर्क फ्रॉम होम’ लंबे समय तक नहीं चलेगा। यह स्थायी समाधान नहीं है। व्यवसाय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए ऑफिस वर्क कल्चर फिर अपनाना ही पड़ेगा। हमें पूरी उम्मीद है कि वैक्सीनेशन शुरू होने और कोरोना का प्रकोप खत्म होने के बाद अगले 3 से 4 महिनों में मांग बढ़नी शुरू हो जाएगी। वैसे दिसंबर से स्थिति सुधरने लगी है।

-क्रिश रवेशिया, सीईओ, एजलो रियल्टी