coal scam case
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)  में एक कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित कोयला घोटाला मामले में इस्पात मंत्रालय के एक पूर्व अधिकारी को मंगलवार को तीन साल की जेल की सजा सुनाई।

विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने इस्पात मंत्रालय के जेपीसी (संयुक्त संयंत्र समिति) के पूर्व कार्यकारी सचिव गौतम कुमार बसाक को विजय सेंट्रल कोल ब्लॉक के आवंटन में भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जनवरी 2007 में कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन करने वाली प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड पर आरोप लगाया गया था कि उसने अपनी क्षमता के बारे में गलत जानकारी दी। 

मंत्रालय ने बसाक को आरोप की सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस्पात मंत्रालय के अधिकारी ने 2008 में कंपनी द्वारा किए गए दावों का समर्थन करते हुए एक झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कंपनी और उसके निदेशक को इस मामले में बरी कर दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अपील फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है। (एजेंसी)