Mukesh Ambani's Reliance Industries to provide oxygen for corona patients in Maharashtra
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मुंबई: एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी अब उद्योगपति मुकेश अंबानी के फंड से 700 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट करने की योजना बना रही है। इससे कंपनी को अपनी इलेक्ट्रिक डिलीवरी और कार्गो वाहन प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए सरकार ने डिलीवरी और कार्गो फ्लीट को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक में बदलने का लक्ष्य रखा है। देश के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी इस मिशन में सरकार का साथ देंगे। लेकिन, वे खुद पर्दे के पीछे मदद करने वाले हैं। मुकेश अंबानी द्वारा वित्त पोषित एक इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी 700 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट करने की योजना बना रही है।

योजना पर काम हुआ शुरू 

Altgreen Propulsion Labs Private Limited कंपनी में 700 करोड़ रुपए के निवेश की योजना पर काम कर रही है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक कार्गो वाहन बनाती है। देश के भीतर माल पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है। ई-कॉमर्स के विस्तार के बाद देश में ऐसे वाहनों की मांग बढ़ेगी।

2890 करोड़ कंपनी मूल्यांकन

Altgreen Propulsion वर्तमान में $350 मिलियन (लगभग 2890 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर धन जुटाना चाह रहा है। इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इस फंडिंग राउंड में कंपनी के कुछ निवेशक अपने शेयर बेच सकते हैं। साथ ही कुछ अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कंपनी की यह प्लानिंग काफी शुरुआती है। फंड मैचिंग का तरीका भविष्य में बदल सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, Altgreen Propulsion के CEO अमिताभ सरन ने फंड के मिलान की योजना को मंजूरी दे दी है। कंपनी जुलाई तक फंड मैचिंग का काम पूरा कर सकती है।

2013 में अल्टग्रीन प्रोपल्शन का किया गया था गठन 

अल्टग्रीन की स्थापना 2013 में हुई थी। यह कंपनी इलेक्ट्रिक कार्गो वाहनों का डिजाइन और निर्माण करेगी। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, वह सालाना 55,000 इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर कार्गो वाहनों का प्रोडक्शन करती है। कंपनी ने पिछले साल सीरीज ए राउंड की फंडिंग जुटाई थी। इससे कंपनी को 3 अरब रुपए की कमाई हुई। सीरीज ए राउंड में Altgreen Propulsion’s Sense Ventures, Reliance Group’s Reliance New Energy Limited, Exponentia Capital Partners, Momentum Venture Capital और Accurate International ने कंपनी में इन्वेस्ट किया। रियान्स इंडस्ट्रीज कंपनी ने करीब 50 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट किया था। रिलायंस ने रुपये के अंकित मूल्य के 34,000 अनिवार्य परिवर्तनीय वरीयता शेयरों के बदले में इन्वेस्ट किया। नई फंडिंग के बाद कंपनी अपनी प्रॉडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने पर फोकस करती रहेगी। इसके अलावा कंपनी अपने सर्विस और रिटेल नेटवर्क को और मजबूत करेगी।