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दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) की मुंबई पीठ ने रिलायंस कैपिटल की समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर 16 जुलाई कर दी है। गौरतलब है कि कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के कर्जदाता नीलामी का दूसरा चरण आयोजित करने पर सहमत हुए हैं। पिछली समयसीमा 16 अप्रैल को खत्म हो चुकी है।

 26 अप्रैल के लिए टाल दिया गया

सूत्रों ने कहा कि 90 दिनों की समयसीमा बढ़ाने की जरूरत थी, क्योंकि कर्जदाताओं ने 26 अप्रैल को दूसरे दौर की नीलामी आयोजित करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, जिन बोलीदाताओं ने नीलामी के दूसरे दौर में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, उनमें हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL), टोरेंट इंवेस्टमेंट और सिंगापुर स्थित ओकट्री शामिल हैं। इससे पहले दूसरे दौर की नीलामी 11 अप्रैल को होनी थी, लेकिन बोलीदाताओं द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए इसे 26 अप्रैल के लिए टाल दिया गया। सूत्रों ने कहा कि बोलीदाताओं ने रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दूसरे दौर की नीलामी पूरी होने के बाद आगे कोई बातचीत नहीं होगी और इसके बाद समाधान प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। आरकैप की समाधान प्रक्रिया को पूरा करने की समयसीमा पहले भी कई बार बढ़ाई जा चुकी है।

 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा

बोलीदाताओं की प्रमुख चिंता दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता (आईबीसी) और समाधान योजना के लिए अनुरोध (आरएफआरपी) दिशानिर्देशों के अनुसार प्रक्रिया को पूरा करने को लेकर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नीलामी के पहले दौर में हिंदुजा समूह की कंपनी की बोली नीलामी के बाद जमा की गई थी। गत दिसंबर में हुई पहले दौर की नीलामी में टॉरेंट ने सर्वाधिक 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा था। (एजेंसी)