नई दिल्ली: भारत की सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश के लिए टाटा ने बोली लगाई है। इस बात की जानकारी बुधवार को सूत्रों ने दी। ज्ञात हो कि, बीते कई सालों से भारत सरकार (Government of India) एयर इंडिया (Air India) में विनिवेश में लगी हुई है। टाटा (Tata Group) द्वारा बोली जगाए जाने पर यह चर्चा शुरू हो गई है कि, क्या एयर इंडिया टाटा के पास वापस आने वाली है?
वहीं एयर इंडिया के विनिवेश को लेकर निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने कहा कि, “लेन-देन सलाहकार द्वारा प्राप्त एयर इंडिया विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां। प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है।”
Tatas have submitted a bid for Air India disinvestment, today: Government Sources
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— ANI (@ANI) September 15, 2021
14 साल से चल रही घाटे में
जनवरी, 2020 में दीपम द्वारा जारी एयर इंडिया के ईओआई के अनुसार, 31 मार्च, 2019 तक एयरलाइन के कुल 60,074 करोड़ रुपये के ऋण में, खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये के ऋण की जिम्मेदारी लेनी होगी। बाकी ऋण एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित किया जाएगा, जो एक विशेष इकाई (एसपीवी) है। एयर इंडिया, 2007 में घरेलू विमान सेवा इंडियन एयरलाइंस के साथ अपने विलय के बाद से घाटे में चल रही है।
एयरलाइन के लिए सफल बोली लगाने वाली कंपनी को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग एवं पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशी हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण हासिल होगा। इसके अलावा, कंपनी को एयरलाइन की कम लागत वाली सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का 100 प्रतिशत और एआईएसएटीएस का 50 प्रतिशत स्वामित्व मिलेगा। एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर कार्गो और ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करती है।
पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल हैं। जनवरी, 2020 से शुरू हुई विनिवेश की प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई है। सरकार ने अप्रैल, 2021 में संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था। बुधवार (15 सितंबर) बोली सौंपने का आखिरी दिन था।
कैसे शुरू हुई एयर इंडिया?
अप्रैल 1932 में एयर इंडिया का जन्म हुआ था। उस समय के उद्योगपति जेआरडी टाटा ने इसकी स्थापना की थी मगर इसका नाम एयर इंडिया नहीं था। तब इसका नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था। टाटा एयरलाइंस की शुरुआत यूं तो साल 1932 में हुई थी मगर मगर पहली व्यावसायिक उड़ान उन्होंने 15 अक्टूबर को भरी जब सिंगल इंजन वाले ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज़ को अहमदाबाद से होते हुए कराची से मुंबई लाया गया। इस उड़ान में सवारियां नहीं थीं बल्कि 25 किलो चिट्ठियां थी।
शुरूआती दौर में टाटा एयरलाइंस मुंबई के जुहू के पास एक मिट्टी के मकान से संचालित होता रहा। वहीं मौजूद एक मैदान ‘रनवे’ के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा.
कैसे बना निजी से सरकारी
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब विमान सेवाओं को बहाल किया गया तब 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस ‘पब्लिक लिमिटेड’ कंपनी बन गयी और उसका नाम बदलकर ‘एयर इंडिया लिमिटेड’ रखा गया। आज़ादी के बाद यानी साल 1947 में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 प्रतिशत की भागीदारी ले ली ,जिसके बाद यह पूरी तरह सरकारी कंपनी बन गई।