DA of government employees increased by four percent in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ CM विष्णु देव साय (डिजाइन फोटो)

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रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले राज्य के सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) का महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) चार फीसदी बढ़ाने, कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए समिति का गठन करने, पंचायत सचिवों को हड़ताल का वेतन देने और पत्रकारों के खिलाफ दर्ज किए गए कथित झूठे मुकदमों और उत्पीड़न के मामलों में न्याय दिलाने के लिए समिति बनाने का फैसला किया है। 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chief Minister Vishnu Dev Sai) ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों तथा पत्रकारों के हित में अहम निर्णय लिया है। उनके अनुसार इसमें अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान पर चार प्रतिशत का महंगाई भत्ता देना भी शामिल है।   साय ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के सातवें वेतनमान में चार प्रतिशत महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है, साथ ही पेंशनभोगियों की महंगाई राहत में भी चार प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने कहा कि यह महंगाई भत्ता और महंगाई राहत एक मार्च 2024 से दिया जाएगा।  उन्होंने कहा, ”इसके फलस्वरूप महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की दर सातवें वेतनमान में 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत तथा छठवें वेतनमान में 230 प्रतिशत हो जाएगी। इस निर्णय से राज्य के तीन लाख 90 हजार कर्मचारी तथा एक लाख 20 हजार पेंशनभोगियों लाभान्वित होंगे। इस निर्णय से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रतिमाह 68 करोड़ रुपए तथा साल में 816 करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा।” 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों-कर्मचारियों की सातवें वेतनमान के बकाये की अंतिम किश्त प्रदान करने की भी घोषणा की।  उन्होंने बताया कि राज्य में ग्राम पंचायत सचिव पिछले साल 16 मार्च से नौ मई तक कुल 55 दिन हड़ताल पर थे, उनकी हड़ताल अवधि को उनके अर्जित अवकाश में समायोजित करते हुए उन्हें 55 दिनों का वेतन भुगतान किया जाएगा। उनके मुताबिक इस निर्णय से राज्य शासन पर 70 करोड़ रुपए का व्यय-भार आएगा।

साय ने बताया कि कर्मचारियों की समस्याओं के हल के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। उनके मुताबिक समिति विभिन्न कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर शासन को कर्मचारी हित में उचित सुझाव देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पत्रकारों एवं मीडिया जगत से जुड़े लोगों के उत्पीड़न की अनेक शिकायतें सामने आईं है जिस संबंध में गृह सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।  

(एजेंसी)