The economy grew at the fastest pace in a year, GDP was 13.5 percent in Q1 of 2022-23
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    नयी दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में धीमी पड़कर 5.4 प्रतिशत रही।  हालांकि, इसी अवधि में चीन की चार प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से अधिक है। इसके साथ देश ने दुनिया की तीव्र वृद्धि दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.3 प्रतिशत और दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 8.5 प्रतिशत थी।

    राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।  इसके अलावा, कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 के लिये जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट को अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.8 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

    आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘जीडीपी स्थिर मूल्य (2011-12) पर तीसरी तिमाही में 38.22 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2020-21 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 36.26 लाख था। यह 5.4 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।”

    इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘तुलनात्मक आधार प्रतिकूल होने से 2021-22 की तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर के स्थिर रहने का अनुमान था। लेकिन विनिर्माण क्षेत्र में मामूली वृद्धि तथा दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के बावजूद अचंभित करने वाले निर्माण क्षेत्र में संकुचन के साथ एनएसओ के शुरुआती अनुमान हमारी अपेक्षाओं से बहुत कम (6.2 प्रतिशत) है।”

    बयान के अनुसार, 2021-22 में वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर स्थिर मूल्य (2011-12) पर 147.72 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। जबकि 2020-21 के लिये 31 जनवरी, 2022 को जारी पहले संशोधित अनुमान के तहत यह 135.58 लाख करोड़ रुपये था।

    इसके आधार पर 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत अनुमानित है जबकि 2020-21 में इसमें 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। मूल्य के हिसाब से सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 38,22,159 करोड़ रुपये रहा। यह 2020-21 की इसी अवधि के 36,22,220 करोड़ रुपये से अधिक है।

    एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि 0.2 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही। एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।  कृषि क्षेत्र में तीसरी तिमाही में जीवीए वृद्धि धीमी पड़कर 2.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 4.1 प्रतिशत थी। आलोच्य तिमाही में निर्माण क्षेत्र में जीवीए वृद्धि में 2.8 प्रतिशत की कमी आयी जबकि एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में इसमें 6.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

    खनन क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर, 2021 तिमाही में 8.8 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 5.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 3.7 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

    इसी प्रकार, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवा क्षेत्रों में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले 2020-21 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इसमें 10.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर 2021-22 की तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 10.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

    लोक प्रशासन, रक्षा तथा अन्य सेवा क्षेत्रों की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 16.8 प्रतिशत रही। एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में इसमें 2.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। इस बीच, चीन की आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर, 2021 तिमाही में चार प्रतिशत रही है।