मंदी में भी चमके 30 फंड, दिया 22 प्रतिशत तक रिटर्न

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मुंबई: वित्त वर्ष 2022-23 का साल इक्विटी मार्केट (Stock Market) के लिए भारी उतार-चढ़ाव के साथ एक तरह से मंदी का वर्ष ही साबित हुआ। निवेशकों (Investors) के लिए बीते वर्ष बाजार से कमाई कर पाना खासा मुश्किल रहा और ज्यादातर निवेशकों को मायूसी ही हाथ लगी। वर्ष के दौरान मुख्य बेंचमार्क सेंसेक्स (Sensex) नीचे में 50,921 अंक तक गिरने और ऊंचे में 63,583 अंक तक जाने के बाद 31 मार्च को 58,991 अंक पर बंद हुआ। इस तरह पूरे साल सेंसेक्स में मात्र 423 अंक यानी 0.7 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज हो पाई। 

जबकि निफ्टी (Nifty) में तो 105 अंक यानी 0.6% का घाटा दर्ज हुआ। सेंसेक्स में 12,000 अंकों की भारी घट-बढ़ के कारण हर किसी के लिए रिटर्न (Return) प्राप्त कर पाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा और केवल स्मार्ट निवेशक और फंड मैनेजर ही कमाई कर पाने में सफल रहे।

लार्ज कैप : निपोन इंडिया लार्ज कैप फंड अव्वल

म्यूचुअल फंड कंपनियों की प्रमुख 20 लार्ज कैप फंड स्कीमों की बात करें तो केवल नौ फंड ही फायदे में रहे, जबकि शेष में निवेशक नुकसान में रहे। 6.5 प्रतिशत के अच्छे रिटर्न के साथ ‘नवभारत प्लेटिनम अवार्ड’ पुरस्कृत निपोन इंडिया लार्ज कैप फंड (Nippon India Large Cap Fund) टॉप पर रहा। 12,500 करोड़ रुपए के प्रबंधन कोष वाले निपोन इंडिया लार्ज कैप के फंड मैनेजर शैलेष राज भान और आशुतोष भार्गव हैं। लार्ज कैप कैटेगरी में निवेशकों को कमाई कराने वाले फंडों में एचडीएफसी टॉप 100 फंड (HDFC Top 100 Fund) 6.2 प्रतिशत के रिटर्न के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप फंड (ICICI Pru Bluechip Fund) 3 प्रतिशत रिटर्न के साथ तीसरे और 2.70 प्रतिशत रिटर्न के साथ एसबीआई ब्लूचिप फंड (SBI Bluechip Fund) चौथे स्थान पर रहा। इनके स्मार्ट फंड मैनेजरों ने काफी सूझबूझ के साथ निवेश करते हुए मंदी के हालात में भी अपने लाखों निवेशकों को फायदा प्रदान किया। लार्ज कैप सबसे बड़ी और एक अधिक सुरक्षित कैटेगरी मानी जाती है।

लार्जकैप एंड मिडकैप: टाटा म्यूचुअल फंड नंबर वन

म्यूचुअल फंडों की दूसरी बड़ी कैटेगरी लार्जकैप एंड मिडकैप फंड है, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 8.5 प्रतिशत के अच्छे रिटर्न के साथ टाटा लार्ज एंड मिड कैप फंड (Tata Large & Mid Cap Fund) नंबर वन रहा। इसके बाद मोतीलाल ओसवाल लार्ज एंड मिडकैप फंड (Motilal Oswal Large & Mid Cap Fund) ने 7.6 प्रतिशत का फायदा दिया। इनके अलावा आईसीआईसीआई प्रू, एसबीआई, बंधन, एचडीएफसी, कोटक, डीएसपी और यूटीआई म्यूचुअल फंड ने भी अपनी स्कीमों में निवेशकों को कुछ कमाई कराई।

मल्टी कैप: एचडीएफसी, निपोन इंडिया टॉप

मल्टी कैप कैटगरी में सबसे ज्यादा 8.8 प्रतिशत का अच्छा एचडीएफसी मल्टी कैप फंड (HDFC Multi Cap Fund) ने दिया। 5,800 करोड़ रुपए के प्रबंधन कोष वाला यह फंड दिसंबर 2021 में शुरू किया गया था और इसके फंड मैनेजर गोपाल अग्रवाल हैं। दूसरे स्थान पर ‘नवभारत प्लेटिनम अवार्ड’ पुरस्कृत निपोन इंडिया मल्टी कैप फंड (Nippon India MultiCap Fund) रहा। 14,100 करोड़ रुपए के प्रबंधन कोष वाली निपोन इंडिया की इस स्कीम ने पूरे साल में 7.6 प्रतिशत का फायदा प्रदान किया, जबकि विगत तीन वर्षों में इसने औसतन 36 प्रतिशत का जोरदार वार्षिक लाभ प्रदान किया है। लार्ज, मिड और स्मॉल कैप कंपनियों में संतुलित निवेश वाली इस कैटेगरी में 5.3 प्रतिशत रिटर्न के साथ कोटक मल्टी कैप फंड तीसरे स्थान पर रहा।

मिडकैप: मोतीलाल ओसवाल और एचडीएफसी शीर्ष पर

मिडकैप कंपनियों में निवेश पर आधारित मिडकैप फंड कैटेगरी में ‘नवभारत प्लेटिनम अवार्ड’ पुरस्कृत मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड (Motilal Oswal Midcap Fund) और एचडीएफसी मिडकैप अपॉर्चुनिटीज फंड (HDFC Midcap Opportunities Fund) ने समान रूप से 10 प्रतिशत का बढ़िया रिटर्न दिया और शीर्ष पर काबिज हुए। अहम बात यह है कि पूरे साल बीएसई का मिडकैप (BSE Midcap) इंडेक्स 0.2 प्रतिशत नुकसान में रहा, फिर भी इनके फंड मैनेजरों निकेत शाह, राकेश शेट्टी, चिराग सेतलवाड और प्रिया रंजन ने कुशलतापूर्वक बाजार से कमाई करने में कामयाबी हासिल की। इस कैटेगरी में एसबीआई, कोटक, फ्रैंकलिन और निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड ने भी निवेशकों को फायदा दिया।

स्मॉलकैप: टाटा स्मॉलकैप फंड नंबर वन

स्मॉलकैप कैटेगरी में 14.70 प्रतिशत रिटर्न के साथ टाटा स्मॉलकैप फंड (Tata SmallCap Fund) नंबर वन रहा। 3300 करोड़ रुपए के प्रबंधन कोष वाले इस फंड का प्रबंधन चंद्रप्रकाश पडियार कर रहे हैं, जबकि 12.20 प्रतिशत रिटर्न के साथ एचडीएफसी स्मॉलकैप फंड (HDFC SmallCap Fund) दूसरे स्थान पर रहा। 14,600 करोड़ रुपए के कोष वाली इस स्कीम का प्रबंधन चिराग सेतलवाड और प्रिया रंजन कर रहे हैं।

इंफ्रा फंड: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और कोटक म्यूचुअल अव्वल

सेक्टर फंडों की बात करें तो सबसे ज्यादा फायदा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर आधारित स्कीमों में मिला है। देश में मोदी सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर सबसे ज्यादा जोर दिए जाने से इस सेक्टर की ग्रोथ तेज हो रही है और इंफ्रा कंपनियों को फायदा मिल रहा है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (ICICI Pru. Infra. Fund) 22 प्रतिशत के शानदार रिटर्न के साथ नंबर वन रहा है, जबकि कोटक इंफ्रा एंड इकनॉमिक रिफॉर्म फंड (Kotak Infra. & Eco. Reform Fund) दूसरे स्थान पर रहा और 18.2 प्रतिशत का बढ़िया रिटर्न दिया। 16.4 प्रतिशत रिटर्न के साथ एचडीएफसी इंफ्रा फंड (HDFC Infra. Fund) तीसरे स्थान पर रहा। चौथे स्थान पर ‘नवभारत प्लेटिनम अवार्ड’ पुरस्कृत डीएसपी इंडिया टाइगर फंड (DSP India Tiger Fund) रहा और इसने भी 12.8 प्रतिशत का अच्छा रिटर्न दिया।       

बैलेंस एप्रोच के साथ स्टॉक पिकिंग पर फोकस: आशुतोष भार्गव

निपोन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India Mutual Fund) के हैड-इक्विटी रिसर्च और फंड मैनेजर आशुतोष भार्गव (Ashutosh Bhargava) ने कहा कि हमारी इन्वेस्टमेंट शैली मूलतः ‘ग्रोथ एट रिजनेबल प्राइस’ (GARP) की हैं, इसी एप्रोच का हमने अनुसरण किया। साथ ही हमारा झुकाव बैंकिंग, कैपिटल गुडस सहित विभिन्न घरेलू डिमांड वाले सेक्टरों पर ज्यादा रहा। इनके अलावा हमने बॉटम-अप आइडियाज पर खास फोकस रखा। इन सब प्रयासों से ही कठिन बाजार हालात में भी हमारा प्रदर्शन बेहतर रहा। हमारा झुकाव अभी भी घरेलू डिमांड वाले सेक्टरों पर अधिक बना हुआ है। आने वाले समय में भी हम संतुलित यानी बैलेंस एप्रोच के साथ स्टॉक पिकिंग पर फोकस रखेंगे और ज्यादा से ज्यादा स्कीमों में निवेशकों को बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न देने का हमारा निरंतर प्रयास रहेगा।

मैन्युफैक्चरिंग में विकास की नई लहर: आनंद वरदराजन

टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) के बिजनेस हैड आनंद वरदराजन (Anand Varadarajan) ने कहा कि हम हर इक्विटी स्कीम में निवेश करते समय ग्रोथ और वैल्यू, दोनों देखते हैं, ताकि जोखिम न्यूनतम रहे और रिटर्न ज्यादा मिले। जिस स्टॉक में ग्रोथ संभावना ज्यादा हो और साथ ही उसकी प्राइस भी रिजनेबल हो। यानी ग्रोथ एट रिजनेबल प्राइस। इस निवेश नीति पर चलते हुए हमने स्टॉक सलेक्शन पर ज्यादा फोकस रखा। जिसकी वजह से हमारी सफलता दर अधिक रही और कई स्कीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया। हमें लगता है कि देश में डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष जोर दिए से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास की नई लहर आ रही है। उससे स्मालकैप कंपनियों को ज्यादा फायदा मिल रहा है। बैंकिंग सेक्टर में भी एनपीए की समस्या दूर हो कर ग्रोथ तेज हो रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर में भी जबरदस्त पिक अप आ रहा है। इस साल भी बैलेंस एप्रोच के साथ हम मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंकिंग, स्मालकैप थीम पर फोकस अधिक करेंगे।     

सही सेक्टर और सही स्टॉक का चयन महत्वपूर्ण: निकेत शाह

मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड (Motilal Oswal Mutual Fund) के फंड मैनेजर निकेत शाह (Niket Shah) ने कहा कि हम हमेशा क्वालिटी, ग्रोथ, लॉन्जविटी ऑफ ग्रोथ तथा प्राइस (QGLP) की निवेश नीति पर काम करते हैं अर्थात कंपनी की  क्वालिटी, ग्रोथ संभावनाएं, लंबे समय तक ग्रोथ करने की क्षमता तथा उचित स्टॉक मूल्य। क्योंकि सही सेक्टर के साथ-साथ सही स्टॉक का चयन भी महत्वपूर्ण है। हमारी हर स्कीम में निवेश करते समय हम इसी नीति को अपनाते हैं। इसी कारण मंदी के हालात में भी हम अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो रहे हैं। हम जिस सेक्टर एवं स्टॉक में ओवरवेट रहे, उन्होंने परफॉर्म किया और बेहतर रिटर्न मिला। इस साल हम आईटी और मैन्युफैक्चरिंग में ओवरवेट हैं।