Entertainment: Meet Birthday Boy with Vicky Kaushal!

Loading

 मुंबई. फ़िल्मी परदे को  गाहे बगाहे कभी न कभी कोई न कोई अद्भुत अभिनेता अपने फन से चमकृत करता रहा है. सिनेमा के हर दौर में आप किसी न किसी विरले अभिनेता को देखेंगे और पाएंगे की सच में देश में टैलेंट कि कमी बिलकुल भी नहीं है बशर्ते वो सही समय पर सही जगह मौजूद हो.

ऐसे ही हरफनमौला अभिनेता विक्की कौशल कि कहानी है. इस अभिनेता का करियर ग्राफ पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से ऊपर गया है. यह तो खैर विक्की कि मेहनत और सिनेमा के लिए उनका जूनून है जो उन्हें इतने ऊपर तक लाया है. आपको बता दें की विक्की कौशल के पिता एक एक्शन डायरेक्टर थे, फ़िल्मी भूमि पर एक स्थापित व्यक्ति लेकिन फिर भी विकी ने अपना संघर्ष खुद किया.

विक्की वैसे शुरू से अभिनेता नहीं बनना चाहते थे. वह खुद एक इंजीनियर बनना चाहते थे. जब पढाई के दौरान एक इंडस्ट्री विजिट के दौरान उन्हें लगा कि वे कम से कम यह काम तो बिलकुल भी करना नहीं चाहेंगे और फिर शुरू हुई उनकी एक्टिंग को सीखने कि जद्दो जहद और मुंबई मायानगरी में अपनी जगह बनाने कि लालसा. इस विषय में उन्होंने अपने पिता से बात कि और उनके पिता ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें म्हणत करके अपनी जगह बनानी होगी.

विक्की ने गैंग्स ऑफ वासेपुर में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम भी किया था. वे कई कई दिन बैग में कुछ जोड़ी कपड़े और एक ट्रिमर लेकर रवाना होते थे ताकि जो  भी रोल हो उसके लिए अपना ऑडीशन दे सकें. जैसे तैसे उन्हें फिल्म मसान मिल गयी फिर तो उन्होंने पीछे नहीं देखा. मसान में अपने रोले को परिपक्व करने के लिए तो  विक्की कई हफ्ते पहले ही बनारस पहुंच गए थे. वहां वह चाय की दुकानों पर जाकर लोगों की बातचीत रिकॉर्ड किया करते थे और उसे घर आकर नोट करते थे फिर विक्की उन डायलॉग्स को बनारसी अंदाज में बोलने की कोशिश करते थे. 

इस प्रकार कई तरह से उन्होंने अपने इस चरित्र पर मेहनत की. आज विक्की कौशल किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ मेहनत करने पर यकीन है. रही बात फ़िल्मी रोले के चुनाव की तो फिल्म चुनते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि कहानी दमदार हो. उनका मानना है कि बस एक अछि कहानी हीचलती है और अगर कहानी चलने वाली है तो उसका हीरो जरुर बनना चाहिए.

आज विक्की कौशल अपना 32 वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस जन्मदिन पर नवभारत की तरफ से उन्हें बधाई और उन्हें मुबारकबाद की वे ऐसे ही कामयाबी कि सीढियां चढ़ते जाएँ.