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नयी दिल्ली. छोटी कंपनियों (Small Companies) के लिए एक अच्छी खबर आई है। जल्द ही देश में लोकल कंपनियों, खासकर नई कंपनियों को अब रोड प्रोजेक्ट (Road Projects) में भाग लेने में आसानी होगी। इसके पीछे एक प्रधान कारण यह है कि भारत सरकार अब  आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रोड प्रोजेक्ट के नियमों में ढील देने वाली है। अब इससे विभिन्न कंपनियों को रोड प्रोजेक्ट में हिस्सा लेने में अब और आसानी होने वाली है।

सरकार कर रही एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया में फेरबदल: 

खबर के अनुसार इस पूरे नियम में जो सबसे बड़ा बदलाव होगा, वह योग्यता (एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया) के नियम में होगा। इस नियम को इंजीनियरिंग प्रोक्यूरमेंट एवं कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) के लिए आसान किया जाना है। वहीं अब इसके चलते फाइनेंशियल और टेक्निकल की क्राइटीरिया में भी आसानी हो जाएगी। ख़बरों के अनुसार केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए काफी समय से फाइनेंशियल और टेक्निकल क्राइटीरिया को जटिल कर रखा था जिसके चलते छोटी और लोकल कंपनियां को रोड प्रोजेक्ट में भाग लेने में दिक्कत होती थी। अब सरकार द्वारा इसको भी आसान किया जा रहा है।  

अब सालाना टर्नओवर वाली शर्तों में की जाएगी कमी:

अब इस नए बदलाव के तहत  सालाना टर्नओवर की जरूरत को घटा कर 15 % किया जा रहा है जो कि पहले 20 % रहता था।इसके माने यह हुए कि जिस प्रोजेक्ट की अनुमानित कीमत होगी, उसकी तुलना में टर्नओवर 15 पर्सेंट होना होगा। इसी प्रकार कैपिटल कॉस्ट को भी अनुमानित लागत की तुलना में कम कर 75 % होने की उम्मीद है। जहाँ पहले कैपासिटी क्राइटीरिया 1:1 के अनुपात में होती थी, जिसके चलते कुछ ही कांट्रैक्टर का इस प्रकार के प्रोजेक्ट के लिए चुनाव होता था। वहीं इसके चलते और प्रतिस्पर्धा की कमी के कारण किसी भी प्रोजेक्ट के पूरा होने में काफी समय लगता था।

नितिन गडकरी इस पर करेंगे घोषणा:

खबर यह भी है कि इस बाबत रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवे मंत्री नितिन गडकरी कुछ ही दिनों में इसकी विधिवत घोषणा कर सकते हैं। इसी तरह मंत्रालय ने अब इसमें टेक्निकल अनुभव पर भी थोड़ी रियायत की  है। अब इसे प्रोजेक्ट की लागत के अनुपात में 10 % से घटाकर 5 % किया गया है। अगर उदाहरण से समझे तो अगर किसी कंपनी को कुल 100 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का अनुभव है तो उसके 50 करोड़ के प्रोजेक्ट को भी उचित ही माना जाता था। लेकिन अब से यह 25 करोड़ रुपए की शर्त हो जाएगी।

अब छोटी कंपनियां भी होंगी शामिल:

अब इन नए प्रस्तावित नियमों में आसानी के चलते अब छोटी कंपनियां ईपीसी प्रोजेक्ट में आसानी से शामिल हो सकेंगी । इससे आत्मनिर्भर भारत के कार्यक्रम को निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते मंत्रालय ने हाइब्रिड एन्यूटी मोड प्रोजेक्ट के नियमों में भी कुछ नियमों में ढील दी थी। नए नियम के अनुसार अब मंत्रालय ने 200 मीटर की टनल (गुफा) के लिए अनुभव के क्राइटीरिया को समाप्त  कर दिया है।