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मंत्रिमंडल के इस तीसरे विस्तार में शामिल नामों को लेकर बीजेपी के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

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यह कैसा लोकतंत्र है जिसमें पैसा देने वाले या ब्लैकमेल करने वाले अथवा दलबदलुओं को मंत्री बना दिया जाता है! चाल, चेहरा और चरित्र का बखान करने वाली बीजेपी की नीतियों से यह कदापि सुसंगत नहीं है. कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का असली चरित्र मंत्रिमंडल विस्तार से सामने आ गया. मंत्रिमंडल के इस तीसरे विस्तार में शामिल नामों को लेकर बीजेपी के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

येदियुरप्पा ने पिछली जदसे-कांग्रेस सरकार से बगावत करके बीजेपी में आए नेताओं में से एमएलसी आर. शंकर और एमटीबी नागराज को मंत्रिमंडल में शामिल किया. खास बात यह है कि येदियुरप्पा ने उन्हें पिछले 3 महीने से सीडी के माध्यम से ब्लैकमेल कर रहे 3 लोगों को भी मंत्री पद से नवाजा. कर्नाटक के वयोवृद्ध मुख्यमंत्री का यह तौर-तरीका उनकी पार्टी के लोगों को ही पसंद नहीं आया.

पार्टी के पुराने निष्ठावान लोगों की उपेक्षा कर रिश्वत देने वालों और भयादोहन करने वालों को मंत्री बनाकर येदियुरप्पा आखिर कौन सा संदेश देने जा रहे हैं? बीजेपी के विधायकों ने मुख्यमंत्री के ऐसे रवैये पर कड़ी आपत्ति दर्शाई है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगाते हुए होन्नाली चुनाव क्षेत्र के विधायक तथा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचार्य ने कहा कि यह सरकार सिर्फ 2 जिलों तक सिमटकर रह गई है.

विजयपुरा सिटी के विधायक बी पाटिल यत्नाल ने मुख्यमंत्री पर खुला आरोप लगाया कि वह वरिष्ठता और ईमानदारी को ध्यान में रखे बगैर अपनी ओछी हरकतों का भांडा फूटने के डर से ब्लैकमेल होकर नियुक्तियां कर रहे हैं. ब्लैकमेल का संदर्भ देते हुए मंत्री पद के इच्छुक विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथन ने येदियुरप्पा पर वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया.

एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदसे सरकार से 2019 में इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने वाले 17 विधायकों में से एक विश्वनाथन ने एहसान जताते हुए कहा कि मेरे बलिदान के कारण ही येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बन पाए हैं. बीजेपी विधायक वसनगौड़ा यत्नाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास मंत्रिमंडल विस्तार के लिए एक सीडी कोटा है और दूसरा सीडी प्लस जैसा कोटा है. समय आ गया हैकि येदियुरप्पा को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए.