सरकार और विपक्ष के टकराव से क्या मिलेगा

संसद में 2 दिनों तक चले हंगामे से दिल्ली दंगों के पीड़ितों का कोई भला नहीं हुआ. यह समय उत्तेजना की बजाय ठंडे दिमाग से काम लेने और सार्थक चर्चा का है. विचार-विमर्श ऐसा हो जिसमें निष्पक्षता व स्पष्टता

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संसद में 2 दिनों तक चले हंगामे से दिल्ली दंगों के पीड़ितों का कोई भला नहीं हुआ. यह समय उत्तेजना की बजाय ठंडे दिमाग से काम लेने और सार्थक चर्चा का है. विचार-विमर्श ऐसा हो जिसमें निष्पक्षता व स्पष्टता हो. दिल्ली में 50 से अधिक लोग मारे गए तथा सैकड़ों बेघर हो गए. लोगों का घर, संपत्ति, दस्तावेज, दूकान, व्यवसाय तथा आजीविका को दंगे की आग ने निगल लिया. कम से कम सरकार और राजनेताओं को इस मुद्दे पर प्राथमिकता के साथ विचार करना चाहिए था. सरकार इस बारे में होली के बाद 11 मार्च को बहस चाहती है जबकि विपक्ष चाहता है कि अन्य सारे मुद्दे अलग रखकर पहले दिल्ली दंगों पर चर्चा हो. यदि इतनी बड़ी त्रासदी को लेकर राजनेताओं में खींचतान बनी रहती है तो कुछ भी हासिल नहीं हो पाएगा. विपक्ष को भी अपना विरोध संयत व शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त करना चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला विपक्ष के रवैये से भड़क उठे. उन्होंने कहा कि वे सांसदों को सदन में प्लेकार्ड व पोस्टर नहीं लाने देंगे. अध्यक्ष ने ताकीद दी कि पक्ष या विपक्ष का कोई सांसद एक दूसरे की ओर न लपके. उन्होंने सदस्यों को बेल में नहीं आने की चेतावनी दी. दिल्ली की ऐसी हालत है कि दंगा पीड़ितों के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है. जिनका सब कुछ उजड़ गया उन्हें राहत, पुनर्वास और न्याय चाहिए. सरकार को दंगा भड़काने वालों के प्रति अपना रुख सख्त रखना होगा. संसद में संवाद या बहस नहीं होने से जनता में गलत संदेश जाता है. यदि विपक्षी दलों ने असहयोग व टकराव का रवैया जारी रखा तो संसद के बजट सत्र का यह दूसरा चरण बुरी तरह प्रभावित होगा. हंगामे और गतिरोध से आखिर क्या हासिल होने वाला है? सरकार की दलील है कि अभी भावनाएं तीव्र होने से बहस कराना उचित नहीं है. सौहार्द्रपूर्ण माहौल में होली मनाने के बाद इस विषय पर चर्चा होगी तथा सरकार सारे तथ्य रिकार्ड पर रखेगी. अभी इसी सत्र में पर्सनल डाटा सुरक्षा विधेयक, डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास बिल तथा औद्योगिक संबंध विधेयक पारित कराना है. इसके अलावा मंदी व कोरोना वायरस को लेकर भी चर्चा होनी है. कहीं न कहीं सरकार और विपक्ष के बीच समन्वय आवश्यक है.