Bihar Education Department
बिहार शिक्षा विभाग (फाइल फोटो)

Loading

पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने राज्य संचालित विश्वविद्यालयों (Universities) के बैंक खातों से लेन-देन (Bank Accounts Transactions) पर प्रतिबंध लगाने के अपने हालिया आदेश पर रोक लगा दी है और विश्वविद्यालयों के प्राधिकारियों को नौ मार्च को शिक्षा विभाग द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में शामिल होने को कहा गया है। यह निर्देश ऐसे समय में जारी किया गया है जब शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच गतिरोध जारी है।

राज्य सरकार ने पहले एक विश्वविद्यालय को छोड़कर बाकी सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगाने का आदेश दिया था और पिछले महीने शिक्षा विभाग की एक बैठक में कथित रूप से अनुपस्थित रहने के लिए कुलपतियों के वेतन को रोक दिया था। इससे पहले, बिहार राजभवन ने राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के खातों पर रोक लगाने संबंधी शिक्षा विभाग के आदेश को पलटते हुए बैंकों को यह रोक हटाने का निर्देश दिया था।

बुलाई गई कुलपतियों की बैठक

उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक दीपक कुमार सिंह ने बुधवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से नौ मार्च को होने वाली विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल होने का आग्रह किया। उप निदेशक ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि विश्वविद्यालयों के खातों पर सात मार्च तक रोक नहीं लगाई जाएगी। राजभवन ने एक पत्र लिखकर कुलपतियों को राज्यपाल के कार्यालय से पूर्व अनुमति लिए बिना अपना शहर नहीं छोड़ने को कहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस पत्र के कारण शनिवार को निर्धारित बैठक में बाधा पैदा हो सकती है।

राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने बुधवार को सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकारी (राज्यपाल कार्यालय) से अनुमति लिए बिना अपने विश्वविद्यालयों का मुख्यालय न छोड़ें।” पत्र में कहा गया है, ‘‘निर्देशों का उल्लंघन करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।” इस पत्र की एक प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के पास है।

क्या है मामला 

इससे पहले, विभाग के प्राधिकारियों ने उन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जो फरवरी के अंतिम सप्ताह में हुई विभाग की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए थे। शिक्षा विभाग ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा था, जिसमें लंबित परीक्षाओं और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में उनकी अनुपस्थिति के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है। 

पत्र में चेतावनी दी गई थी कि अगर दो दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विश्वविद्यालय प्राधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और कुलपतियों का वेतन रोक दिया जाएगा। इस मामले पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से बात करने का कई बार प्रयास किए जाने के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका।

(एजेंसी)