मुंबई : अभिनेत्री (Actress) तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) का कहना है कि हिंदी फिल्मों (Hindi Films) का बायकॉट (Boycott) करने का चलन एक ‘मजाक’ के अलावा और कुछ नहीं है। अभिनेत्री का मानना है कि सोशल मीडिया पर हिंदी फिल्मों के बायकॉट की अपील करना दर्शकों की बुद्धिमता को कम करके आंकने जैसा ही है। तापसी पन्नू का कहना है कि वह उस दौर से गुजर चुकी हैं जब सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से वह परेशान हो जाया करती थीं, लेकिन अब उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
तापसी पन्नू की फिल्म ‘दोबारा’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। ‘दोबारा’ का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है। तापसी पन्नू ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यदि सोशल मीडिया पर फिल्मों का बायकॉट करने और कलाकारों की आलोचना करने का चलन जारी रहता है तो कुछ निश्चित समय के बाद लोग इस ओर ध्यान नहीं देंगे। मेरी एक फिल्म में इस विषय से संबंधित एक संवाद भी है।’ अभिनेत्री ने कहा, ‘मैं फिल्म जगत में दूसरों के बारे में बात नहीं कर सकती, लेकिन मेरे और अनुराग कश्यप के लिए फिल्मों का बायकॉट करने का चलन एक मजाक बन गया है।’
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दरअसल, हाल ही में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ और अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ का बहिष्कार करने की अपील की थी। इसके बाद आमिर खान ने कहा था कि वह फिल्म का बायकॉट करने की अपील से दुखी हैं और उन्होंने दर्शकों से अपनी फिल्म देखने का आग्रह किया था। तापसी पन्नू ने कहा, ‘यदि दर्शक कोई फिल्म पसंद करते हैं तो वे निश्चित रूप से फिल्म देखने जाएंगे। अगर उन्हें फिल्म नहीं पसंद है, तो वे नहीं देखेंगे। लेकिन, हिंदी फिल्मों के बायकॉट की अपील करना मेरे दर्शकों की बुद्धिमता को कम करके आंकने जैसा ही है।’ (एजेंसी)