राज कपूर की वजह से परवान नहीं चढ़ सका राजीव कपूर का करियर, जानिए क्या थी वजह?

Loading

मुंबई: शोमैन राज कपूर के सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर का 09 फरवरी 2021 को 58 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 25 अगस्त 1962 को मुंबई में जन्मे राजीव कपूर का फिल्मी करियर ज्यादा लंबा नहीं चला। हालांकि उनकी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ पर्दे पर जबरदस्त हिट रही, लेकिन इसी फिल्म की वजह से पिता राज कपूर और बेटे राजीव कपूर के बीच दूरियां आ गईं। इस फिल्म के बाद राजीव अपने पिता से नाराज हो गए और ये नाराजगी ताउम्र रही, यहां तक कि पिता राज कपूर के अंतिम संस्कार के दौरान भी एक्टर ने दूरी बनाए रखी।

बेटे से नाराज थे पिता राज कपूर

राज कपूर ने अपने तीनों बेटों-रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर को बड़ी शिद्दत से बॉलीवुड में लॉन्च किया, लेकिन इनमें से ऋषि कपूर को छोड़ कर दोनों बेटे इंडस्ट्री में कोई खास मुकाम हासिल नहीं कर सके। खासकर राजीव कपूर तो बिल्कुल गुमनाम होकर रह गए। कहते हैं राजीव कपूर की बर्बादी खुद राज कपूर की नाराजगी का नतीजा थी। आखिर अपने बेटे से क्यों नाराज थे राज कपूर ? आइये जानते हैं..

सीमित रोल में नजर आए राजीव

1985 में राज कपूर ने राजीव कुमार को फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली से बॉलीवुड में लांच किया। दरअसल फिल्म की शूटिंग के दौरान राजीव कपूर काम को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। शूटिंग के दौरान ही उन्होंने दूसरी हीरोइन दिव्या राणा से इश्क लड़ाना शुरू कर दिया। सेट पर चल रही इस प्रेम कहानी से राज कपूर काफी नाराज थे। राज कपूर भले ही इस फिल्म से बेटे को लॉन्च कर रहे थे, लेकिन उनके दिमाग में फिल्म का कमर्शियल एंगल भी था। इसलिए उन्होंने राजीव कपूर की जगह मंदाकिनी के रोल पर फोकस करना शुरू किया और पूरी फिल्म में राजीव कपूर केवल नाचने-गाने वाले रोल में नजर आए। फिल्म तो हिट रही लेकिन राजीव कपूर की वजह से नहीं बल्कि झरने के नीचे नहाती हुई मंदाकिनी की वजह से। झरने के नीचे सफेद साड़ी में नहाती मंदाकिनी के उन्नत उरोजों ने बॉक्स ऑफिस पर आग लगा दी।

पिता से नाराज हो गए थे एक्टर

फिल्म के हिट होने के बाद जब राजीव कपूर को इस बात का एहसास हुआ तो राजीव कपूर अपने पिता से काफी नाराज हो गए दोनों के बीच अनबन की नौबत तक बन गई। ‘राम तेरी गंगा मैली’ से इसकी अभिनेत्री मंदाकिनी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। फिल्म हिट होने के बाद भी राजीव कपूर को इसका कोई खास फायदा नहीं मिला। इस फिल्म से मंदाकिनी रातों-रात स्टार बन गईं लेकिन राजीव कपूर वहीं के वहीं रह गए।

राज कपूर ने फिल्म बनाने से किया इंकार

राजीव कपूर चाहते थे कि राज कपूर ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद उनके लिए एक और फिल्म बनाएं। वो उन्हें उस फिल्म में एक नायक की तरह प्रोजेक्ट करें, ताकि स्टार होने का जो फायदा मंदाकिनी को मिला था वो अब उन्हें इस फिल्म में मिले। राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया। राज कपूर का कहना था कि राजीव कपूर में ना तो प्रतिभा है और ना ही वो अपने काम गंभीरता से लेते हैं। इसलिए वो अपनी गाढ़ी कमाई को इस तरह नहीं लुटा सकते। बेहतर है कि राजीव कपूर स्ट्रगल कर इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाए।

नहीं मिला दूसरा मौका

‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद राजीव कपूर ‘लवर ब्वॉय’, ‘अंगारे’, ‘जलजला’, ‘शुक्रिया’, ‘हम तो चले परदेस’ जैसी फिल्मों में दिखे तो, पर उनकी फिल्में चली नहीं। इन फिल्मों की नाकामयाबी के बाद राजीव कपूर का करियर पूरी तरह बर्बाद हो चुका था। 1991 में जब राज कपूर ने आर के बैनर तले फिल्म ‘हीना’ बनाने की घोषणा की, तो राजीव कपूर को पूरी उम्मीद थी कि राज साहब उन्हें एक और मौका देंगे, लेकिन राज साहब ने राजीव के बजाय ऋषि कपूर पर दांव लगाना बेहतर समझा और राजीव कपूर को निर्देशन में असिस्टेंट बना लिया। इस फिल्म के दौरान ही राज साहब की मौत हो गई। इस तरह राजीव कपूर निर्देशक भी नहीं बन पाए।