जब राज कपूर के स्टूडियो को बचाने के लिए नरगिस ने बेच दिए अपने सारे गहने

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मुंबई: ‘बरसात’, ‘अंदाज’ और ‘आवारा’ जैसी फिल्मों के जरिए हिंदी सिनेमा में अमर हो चुकी अभिनेत्री  नरगिस की आज बर्थ एनिवर्सरी है। 1 जून, 1929 को नरगिस का जन्म कलकत्ता में हुआ था। उनकी अदाकारी आज भी सितारों के लिए मिसाल है। इस मौके पर आज आपको बताते हैं कि कैसे नरगिस ने राज कपूर के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था, लेकिन बदले में उन्हें मिला सिर्फ धोखा..

 
 
 
 
 
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नरगिस ने बचाया आरके स्टूडियो  

राजकपूर और नरगिस ने पहली बार फिल्म ‘आग’ में एक साथ काम किया था। पहली ही फिल्म से दोनों के बीच रोमांस शुरू हो गया। कपूर खानदान ने भी इस रोमांस की तरफ से आंखें मूंद ली। फिल्म ‘बरसात’ के बाद एक तरह से राज कपूर के परिवार ने भी इस रिश्ते को मौखिक स्वीकृति दे दी। नरगिस ने अपना दिल, अपनी आत्मा और यहां तक कि अपना पैसा भी राज कपूर की फिल्मों में लगाना शुरू कर दिया। जब आर के स्टूडियो के पास पैसों की कमी हुई तो नरगिस ने अपने सोने के कड़े तक बेच डाले। उन्होंने आरके फिल्म्स के कम होते खजाने को भरने के लिए बाहरी प्रोड्यूसरों की फिल्मों जैसे ‘अदालत’, ‘घर संसार’ और ‘लाजवंती’ में काम किया।

राज कपूर से मिला धोखा 

राज कपूर शादीशुदा थे और 5 बच्चों के पिता भी। वो अपने परिवार को छोड़ना नहीं चाहते थे, जबकि नरगिस हर कीमत पर उनसे शादी करना चाहती थी। कानून के मुताबिक ये शादी नहीं हो सकती थी, क्योंकि श्रीमती कृष्णा कपूर तलाक के लिए राजी नहीं थी। इधर राज कपूर भी अपने परिवार को छोड़ने को तैयार नहीं थे। राज कपूर से पूरी तरह नाउम्मीद होने के बाद नरगिस ने मन ही मन उनसे दूर जाने का फैसला कर लिया।

सुनील दत्त से रचाई शादी

नरगिस आरके बैनर के बाहर की कोई फिल्म साइन करने से पहले राज कपूर से सलाह जरूर लेती थीं। लेकिन जब उन्होंने ‘मदर इंडिया’ साइन कर ली  तो, सबको अंदाजा हो गया कि दोनों की प्रेम कहानी अपने अंतिम चरण में है। साल 1958 में नरगिस ने सुनील दत्त से शादी कर राज कपूर की रही-सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। राज कपूर को इस हकीकत को मानने में सालों लग गए कि नरगिस उन्हें छोड़ कर जा चुकी है।