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नई दिल्ली: वैसे तो बहुत से बॉलीवुड कलाकारों को गाहेबगाहे हॉलीवुड फिल्मों में भी काम मिलता रहा है। लेकिन आज हम आपको हॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म के बारे में बताएँगे, जो साल 1962 में रिलीज हुई थी। तब इस शानदार फिल्म ने एक-दो नहीं बल्कि पूरे 7 ऑस्कर जीते थे। हालांकि तब इसे अरब देशों में बैन भी किया गया था। लेकिन वहीं इस फिल्म में भारत का एक बड़ा ‘फनकार’ बस काम करते-करते रह गया था। 

‘लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ और दिलीप कुमार 

जानकारी दें कि, हॉलीवुड की यह ऑस्कर जिताऊ और विवादस्पद फिल्म अरब के लॉरेंस यानी थॉमस एडवर्ड लॉरेंस की जिंदगी पर बनाई गई थी, और इसमें लीड रोल बॉलीवुड के जाने-माने कलाकार ‘दिलीप कुमार’ को ऑफर किया गया था। लेकिन ‘अफ़सोस’ कि तब उन्होंने यह रोल ठुकरा दिया था। 60 के दशक में आई इस फिल्म को अगर दिलीप कुमार स्वीकार कर लेते, तो हॉलीवुड में उनके नाम का भी डंका बजता और शायद विदेशों में भी भारतीय फिल्मों का बड़ा मार्किट तभी स्थापित हो जाता।

दोस्तों, भारतीय फिल्म उद्योग के नगीना और बॉलीवुड के ‘ट्रेजेडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार ने यूँ तो बेशक हिंदी फिल्मों में बहुत ही ‘आला’ काम किया, लेकिन उनकी शानदार और कशिश भरी अदाकारी का क्रेज हॉलीवुड तक भी था। इतना ही नहीं दिलीप कुमार को उनकी ‘मेथड एक्टिंग’ के चलते उन्हें ‘एक्टिंग का शहंशाह’ के पद से भी नवाजा गया। लेकिन, वहीं जब हॉलीवुड फिल्म Lawrence of Arabia के लिए उन्हें अप्रोच किया गया, तो रोल ठुकरा दिया। इस फिल्म को तब प्रख्यात डायरेक्टर डेविड लीन बना रहे थे।

इस रोले के लिए किया गया था अप्रोच

बता दें कि, ‘लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ में दिलीप कुमार को Sherif Ali ibn el Kharish के रोल के लिए अप्रोच किया गया था, जिसे बाद में एक्टर उमर शरीफ ने निभाया था। ‘लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ जब 1962 में रिलीज हुई, तो यह उस समय की ब्लॉकबस्टर रही थी। उस साल इसे ऑस्कर्स में 10 कैटिगरी में नॉमिनेशन मिला था। लेकिन आपको जानकर हैराना होगी कि, इस फिल्म ने तब सात ऑस्कर जीते थे, पर इसे कुछ देशों में बैन का भी सामना करना पड़ा।

अरब देशों में किया गया था बैन

हालांकि कुछ अरब देशों में इस फिल्म को फिर बैन भी कर दिया गया। IMDb के अनुसार, फिल्म को अरब देशों में इसलिए बैन किया गया क्योंकि उन्हें लगा कि इसमें अरब की ऐतिहासिक शख्सियतों और अरब लोगों को गलत तरीके से दिखाया गया है। इतना ही नहीं ‘अरब’ की संस्कृति को भी खराब दिखाकर उसका अपमान किया गया है।

‘लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ ने जब जीते 7 ऑस्कर

खैर, साल 1963 में 35वें अकेडमी अवॉर्ड्स में ‘लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ को 10 बड़ी कैटिगरी में नॉमिनेट किया गया, और इसने 7 ऑस्कर अवॉर्ड जीते भी। दोस्तों, इस फिल्म को अब तक बनी सबसे महान फिल्मों में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं साल 1998 में, अमेरिकन फिल्म इंस्टिट्यूट ने ‘द लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ को अपनी 100 साल…100 फिल्मों की महान अमेरिकी फिल्मों की लिस्ट में 5वें स्थान पर रखा है।

‘लॉरेंस ऑफ अरेबिया’ का बजट और इसकी बेहतरीन कमाई

आपको जानकार आश्चर्य होगा की, Lawrence of Arabia को 60 के दशक में करीब 125 करोड़ रुपये के जबरदस्त बजट में बनाया गया था, और इसने $70 मिलियन (आज के हिसाब से करीब 585 करोड़) की कमाई भी कर डाली थी। लेकिन अफ़सोस ‘कि’ इस फिल्म को भारत के ‘ट्रेजेडी किंग’ दिलीप कुमार की मौजूदगी नसीब नहीं हुई। कारण जो भी रहा हो, लेकिन अगर Lawrence of Arabia में दिलीप कुमार अपनी ‘उरूज’ एक्टिंग का ‘मुज़ाहिरा’ करते, तो शायद आज इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का रुख ही बदल जाता।