(Photo Credits: File Photo)
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रचलित स्लोगन 'खेला होबे' पर अब इसी टाइटल से फिल्म भी रिलीजज हुई है/ आइये जानते हैं मुग्धा गोडसे, ओम पुरी और मनोज जोशी स्टारर ये कैसी है.

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कास्ट: मुग्धा गोडसे, ओम पुरी, मनोज जोशी, रुशाद राणा और संजय बतरा 

निर्देशक: सुनील सी सिन्हा 

निर्माता: कुमारी मंजु 

रेटिंग: 3 स्टार्स

कहानी: ये कहानी है एक ऐसे गांव की जहां मानसिक रूप से कमजोर एक लड़की के गर्भवती होने की खबर आती है. इसे लेकर गांव में लोगों के बीच काफी आक्रोश होता है और वे सभी गुनाहगार का पता लगाना चाहते हैं. दूसरी ओर गांव में चुमाव होने हैं. फारिक का किरदार निभा रहे ओम पूरी पिछले कई वर्षों से चुनाव हार रहे हैं और इस बार हर हाल में उन्हें जीत हासिल करनी है. इधर बच्चू लाल की भूमिका में मनोज जोशी भी चुनाव जीतने के लिए लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि पीड़ित लड़की को वो न्याय दिलाएंगे. नगर निगम के वर्तमान चेयरमैन गिरीश गुप्ता भी चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें हारने शब्बो (मुग्धा गोडसे) चुनाव में उतरती हैं. ये सभी उस पीड़ित लड़की को न्याय दिलाने का वादा करके चुनाव जीतने की रेस में लगे हैं. चुनाव शब्बों जीतती हैं लेकिन उस लड़की के साथ उसका एक अहम रिश्ता होता है जिसका उसे अब पता चलता है. 

अभिनय: फारिक का किरदार निभाने वाले दिवंगत अभिनेता ओम पूरी को दोबारा पर्दे देखने बेहद अविश्वसनीय है. इस फिल्म के लिए उन्होंने काफी पहले शूट किया था और अब ये दर्शकों के बीच आई है. फिल्म में मुख्य भूमिका में अभिनेत्री मुग्धा गोड़से ने शब्बों के किरदार को बखूभी निभाया है . वरिष्ठ अभिनेता मनोज जोशी यहां एक चतुर राजनेता की भूमिका में खू एंटरटेन करते हैं. रति अग्निहोत्रि को लंबे समय के बाद पर्दे पर देखना काफी यादगार रहा. रुश्द राणा ने भी काफी बढ़िया किया. है. 

फाइनल टेक: राजनीतिक दांव-पेंच को दर्शाती फिल्म’खेला होबे’ इस बात को व्यक्त करती है कि किस प्रकार चुनाव से पहले जनता को रिझाने अक्सर उनसे बड़े-बड़े वादे किये जाते हैं. निर्देशक सुनील सी सिन्हा पॉलिटिकल बैकड्रॉप में सेट इस सामाजिक नाटकीय कहानी को अपने  सधे हुए निर्देशन से प्रस्तुत करने में सफल रहते हैं . कहानी में आई विकट परिस्थितियों को निर्देशक ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से दिखाया है.