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    इंदौर : सोशल मीडिया (Social Media) मंच ट्विटर (Twitter) पर मशहूर (Famous) एक्टर (Actor) मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) को ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहने के आरोप का सामना कर रहे फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान उर्फ केआरके को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है। बाजपेयी द्वारा केआरके के खिलाफ इंदौर की जिला अदालत में दर्ज कराया गया मानहानि का मुकदमा रद्द कराने को दायर याचिका उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दी है कि इन विवादास्पद संबोधनों का इस्तेमाल 53 वर्षीय अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त प्रतीत होता है।

    उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केआरके द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका 13 दिसंबर को खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने कहा कि सबूतों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कथित ट्वीट बाजपेयी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से किए गए थे या नहीं और मुकदमे के मौजूदा पड़ाव पर इस बात का निर्णय सीआरपीसी के उक्त प्रावधान के तहत अदालत को हासिल शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं किया जा सकता।

    एकल पीठ ने मुकदमे से जुड़े कथित ट्वीट की भाषा पर गौर करने के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘चरसी और गंजेड़ी’ के विवादास्पद संबोधन बाजपेयी सरीखे अभिनेता की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पहली नजर में पर्याप्त हैं। गौरतलब है कि केआरके ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए जिला अदालत के नौ जुलाई को पारित उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था।

    ‘पद्मश्री’ से सम्मानित बाजपेयी ने आपराधिक शिकायत के तौर पर जिला अदालत में दायर मुकदमे में आरोप लगाया है कि केआरके ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से अलग-अलग ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई 2021 को दो ट्वीट कर उन्हें ‘चरसी और गंजेड़ी’ कहा था। उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर बहस के दौरान केआरके के वकील ने उक्त आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इनमें से एक ट्विटर हैंडल ‘केआरके बॉक्स ऑफिस’ 22 अक्टूबर 2020 को सलीम अहमद नामक शख्स को ‘घोषणा या समझौता विलेख’ के जरिये बेचा जा चुका है और बाजपेयी के बारे में कथित ट्वीट किए जाने के वक्त केआरके इस हैंडल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।

    केआरके की ओर से उच्च न्यायालय में कहा गया कि उन्होंने बाजपेयी या भारतीय फिल्म जगत के किसी भी अन्य कलाकार का अपमान करने के इरादे भी कभी कोई टिप्पणी नहीं की है। 47 वर्षीय फिल्म समीक्षक की ओर से अदालत में यह दलील भी दी गई कि कथित ट्वीट की भाषा और शब्दावली को लेकर बाजपेयी की ओर से अनावश्यक रूप से आपत्ति जताई जा रही है। बाजपेयी के वकील परेश जोशी ने सोमवार को बताया कि उनके मुवक्किल इंदौर की जिला अदालत में केआरके के खिलाफ दायर मुकदमे में अपना बयान पहले ही दर्ज करा चुके हैं। जोशी ने बताया कि मुकदमे में जिला अदालत में 17 जनवरी 2023 को अगली सुनवाई होनी है। (एजेंसी)