फिल्मों में खलनायक की भूमिका अदा कर हर किसी पर अपनी खौफ ज़माने वाले एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) आज हर किसी के लिए भगवान बन गए हैं। गरीब लोग तो यहाँ तक की उनकी पूजा भी करते हैं। आज बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद अपना 48वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद आज पूरे भारत में चर्चा का विषय बने हुए हैं। आज हर कोई सोनू सूद का दीवाना हो गया हैं | दरअसल, रील लाइफ में अक्सर खलनायक की भूमिका निभाने वाले बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद कोरोना काल में लाखों प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा बनकर सामने आए। आपको बता दे कि उनका जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा में हुआ था।
बॉलीवुड में अपने विलेन के किरदारों के लिए जाने जानेवाले एक्टर सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा में हुआ था। एक्टर सोनू सूद ने बॉलीवुड के साथ ही टॉलीवूड में भी ख़ासा पॉपुलैरिटी हासिल की हैं। बता दें कि सोनू सूद हिंदी के साथ ही तेलुगू कन्नड़ और तमिल फ़िल्मों में भी अपने एक्टिंग से लोगो के दिलों पर राज करते हैं।
आपको बता दे कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन दौरान सोनू सूद गरीबों को ढूंढकर उन्हें उनके घर भेज रहे हैं। हर किसी के लिए सोनू सूद मसीहा बनकर उभरें हैं। लेकिन, इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं कि एक्टर सोनू सूद जब मुंबई आए थे तो वह महज साढ़े पांच हजार रुपए लेकर ही मुंबई आए थे और वह भी जल्दी ही खत्म हो गए थे।
दरअसल, पंजाब से ताल्लुक रखने वाले एक्टर सोनू सूद ने नागपुर से अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिरिंग की पढ़ाई की, लेकिन फिर हीरो बनने सपना उनपर इस कदर चढ़ा की इस सपने ने उन्हें मुंबई तक आखिरकार खींच ही लाया। बता दे कि सोनू सूद की कहानी उन दिनों की है, जब वह फिल्मों में काम करने का सपना और जूनून लेकर पहली बार मुंबई आए थे और एक कमरे का घर लेकर बस जैसे-तैसे गुजारा किया करते थे।
जैसे की हर कोई अपने लाइफ में अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी स्ट्रगल करता है। तो ऐसे ही एक्टर सोनू सूद की लाइफ भी रही हैं। इस छोटे से कमरे में सोनू अकेले नहीं रहते थे, बल्कि 3-4 लोग के साथ सोनू उस रूम में एडजस्ट करते थे। फिर काम की तलाश में सोनू लोकल ट्रेन पकड़कर रोज सफर तय किया करते थे। खैर, काफी स्ट्रगल करने के एक साल बाद ही उन्हें हिंदी तो नहीं लेकिन साउथ की फिल्मों में काम मिल गया और सोनू साल 1999 में तेलुगू फिल्म ‘कल्लाजगार’ से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की। हालाँकि इस फिल्म से उन्हें पहचान नहीं मिली। इस फिल्म से जुड़ा एक किस्सा यह भी है कि सोनू को यह फिल्म अपनी बॉडी के कारण मिली थी। जब फिल्म के प्रोड्यूसर ने उन्हें बुलाया तो उन्हें बॉडी दिखाने के लिए कहा, और सोनू की बॉडी देखते ही प्रोड्यूसर को पसंद आ गई और उन्हें यह फिल्म मिल गई। हालांकि, अपनी एक्टिंग की काबिलियत से इसके बाद भी उन्होंने लगातार 4-5 तेलुगू और तमिल फिल्मों में काम किया। लेकिन साल 2001 में आखिरकार बॉलीवुड ने उनके लिए दरवाजा खोल ही दिया। सोनू को साल 2001 में ‘शहीद-ए-आजम’ फिल्म मिली और इस फिल्म ने उन्हें एक नई पहचान दिलवाई। इस फिल्म की सफलता के बाद सोनू को बॉलीवुड की और फ़िल्में मिलना शुरू हुई और उन्हें एक्टर के रूप में पहचाना जाने लगा।
अपने स्ट्रगल दौर के बारें में बात करते हुए एक बार सोनू सूद ने कहा था कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली में एक मॉडलिंग से की थी। और तभी उनका प्लान था कि वह इससे कुछ पैसे जमा करें और उसके बाद वह मुंबई जाएंगे। तभी सोनू सूद ने बताया कि दिल्ली में एक डेढ़ साल तक शोज करने के बाद उन्होंने साढ़े पांच हजार रुपए जमा कर लिए थे। लेकिन पहले पैसे जुटाने के बाद सोनू सूद को लगा कि वह मुंबई में एक महीना तो आसानी से सर्वाइव कर ही लेंगे, लेकिन जब वह मुंबई आकर रहने लगे तब उन्हें समझा की वह पैसे तो सिर्फ 5-6 दिन में ही खत्म हो गए। फिर जब उन्हें यह लगने लगा कि अब घर से मदद लेनी पड़ेगी, तभी उनकी जिंदगी में चमत्कार हुआ, जिसकी उन्हें उम्मीद भी नहीं थी। उन्हें उनका पहला ब्रेक मिल गया। उन्हें एक एड के लिए कॉल आया और इस एड के लिए उन्हें 2000 रुपए प्रतिदिन मिल रहे थे।
आपको बता दे कि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि 5500 रुपए मुंबई लेकर आने वाले एक्टर सोनू सूद के पास आज के समय में कुल संपत्ति करीब 17 मिलियन डॉलर है। अगर इसे इंडियन करंसी में कनवर्ट किया जाए तो एक्टर 130 करोड़ के मालिक हैं।
वैसे आप एक्टर सोनू सूद को कितना पसंद करते हैं ? कमेंट बॉक्स में बताएं।