बाघ के हमले में 1 की मौत, वन विभाग की अनदेखी

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    गोरेगांव. गोरेगांव वन विभाग में कटंगी पिंडकेपार जंगल परिसर में पिछले कुछ दिनों से एक बाघ की उपस्थिति से पूरे परिसर में दहशत व्याप्त है लेकिन वन विभाग आंखें मूंदे बैठा है और अब तक उसका कोई बंदोबस्त नहीं किया है. इस कारण अब बाघ आदमखोर हो गया है. उसने भड़ंगा निवासी पूना मेश्राम नामक व्यक्ति को अपना शिकार बनाया.

    बाघ के हमले में महिला का घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई है. इसे लेकर ग्राम वासियों में वन विभाग के खिलाफ तीव्र रोष व्याप्त है तथा आदमखोर बाघ का जल्द से जल्द बंदोबस्त करने की मांग की गई है.

    जानकारी के अनुसार गोरेगांव वन विभाग में आने वाले पिंडकेपार बीट में यह घटना घटी है. जहां ग्राम भडंगा निवासी पूना मेश्राम 20 जुलाई को दोपहर 1.30 बजे के दौरान अपनी बकरियों के लिए पत्तियां लाने जंगल परिसर गया था. वहीं सागवान बाड़ी कन्हारटोला रास्ते के करीब ही बाघ ने उस पर हमला कर दिया.

    जिसमें 60 वर्षीय पूना मेश्राम गंभीर रूप से घायल हो गया तथा  घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. उल्लेखनीय है कि मेश्राम अपने परिवार का पालन पोषण करने वाला अकेला व्यक्ति था. अब उसकी पत्नी पर पूरी जिम्मेदारी आ गई है. 

    इसके पहले भी कर चुका है हमला

    गोरेगांव वन परिसर में पिछले कुछ दिनों से बाघ ने आतंक मचाया हुआ है. इसके पूर्व भी इस बाघ ने जानाटोला निवासी श्यामा सोनटके पर भी हमला किया था जिसमें वह बाल-बाल बच गया था. ऐसे में पिंडकेपार, कन्हारटोला, गोरेगांव व कटंगी वन परिसर में बाघ ने अनेक पालतू जानवरों को भी अपना शिकार बनाया है.

    जिसके चलते कटंगी जलाशय, पिंडकेपार, जानाटोला, रेलवेटोली, चंद्रपुरटोली तथा भडंगा परिसर में बाघ की दहशत व्याप्त है. ग्राम वासियों द्वारा बाघ का बंदोबस्त करने की मांग लगातार उठती रही है लेकिन वन विभाग इस विषय को लेकर गंभीर नहीं था. ऐसे में बाघ अब लोगों को अपना शिकार बना रहा है. गोरेगांव वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर पंचनामा कर आगे की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है. 

    पूर्व विधायक बंसोड पीड़ित परिवार से मिले

    इस बीच पूर्व विधायक दिलीप बंसोड ने घटनास्थल पर पहुंच कर परिवार से भेंट की है तथा मुआवजे को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से  चर्चा की. साथ ही जल्द से जल्द आदमखोर होते जा रहे बाघ का बंदोबस्त करने की मांग की है.