वन अधिकारियों पर मृतक की मां का आरोप, आदिवासी युवक को मार डाला

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गोंदिया. वन विभाग के अधिकारियों ने भालू के शिकार प्रकरण में संदेह में कोहका भानपुर निवासी राहुल राजेंद्र धुर्वे की जमकर पिटाई कर दी. दहशत में आने से उसने 12 सितंबर 2020 को अपने खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या की ली. प्रकरण की गंगाझरी थाने में शिकायत की गई, लेकिन पुलिस वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

विस्तृत जानकारी मृतक राहुल धुर्वे की मां शीलाबाई राजेंद्र धुर्वे व ग्राम के प्रत्यक्षदर्शियों ने वरिष्ठ अधिकारियों से न्याय दिलाने की मांग की है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राहुल 11 सितंबर को मेरे भाई के ग्राम कुरहाडी हिरापुर से आया था. बैल लाने के लिए उसे खेत भेजी थी. इस समय वन विभाग के अधिकारी सदगीर व आरएफओ दुरानी ने राहुल के साथ खेत में ही मारपीट की. इसके समय बीट गार्ड कुंभरे व वन मजदूर वाघाडे भी उपस्थित थे.

बिना कारण की थी पिटाई 

इन अधिकारियों का कहना था कि राहुल ने भालू का शिकार किया है. जबकि राहुल पढ़ाई करता था, वह कर्नाटक राज्य में नौकरी कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के बाद गांव वापस लौट आया था. घटना के समय जब वन विभाग के अधिकारी राहुल की पिटाई कर रहे थे, उस समय सविता विष्णु उईके, संगीता इंद्रकुमार धुर्वे, लिलाबाई रेखचंद धुर्वे खेत में ही उपस्थित थे. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को बिना वजह राहुल के साथ मारपीट करने पर विरोध भी किया था. 

दोषियों पर कार्रवाई की मांग

वन अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि 8 सितंबर को भालू की मृत्यु हुई है. 9 व 10 सितंबर को वन विभाग की टीम श्वान दल को लेकर आई थी. भालू की मृत्यु व राहुल के खेत की दूरी में बहुत फासला है. वन विभाग की जांच में बताया गया कि भालू की किडनी फंग्गस से मृत्यु हुई है. खुलासे के बाद भी वन विभाग के अधिकारी राहुल  के पीछे पड़े रहे और उसे परेशान किया. इस प्रकरण की उच्च स्तर पर जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई. इस अवसर पर प्रकाश सोनवाने, यशवंत कोडापे, अजयकुमार वैद्य, सोमेंद्र डहाट आदि उपस्थित थे.